नई दिल्ली : हर साल किसी न किसी तरह से खास होता है और हमारी कोशिश होती है कि अपने नए साल को हम और बेहतर बनाएं. इसके लिए लोग अमूमन नए साल पर कुछ संकल्प (रेजोल्यूशन) लेते हैं. कुछ संकल्पों को हम पूरा कर लते हैं, तो कुछ अधूरे ही रह जाते हैं.
ये संकल्प अलग-अलग अपनी जरूरतों के हिसाब से हो सकते हैं लेकिन कुछ संकल्प हैं, जो अधिकतर लोग जरूर लेते हैं. हो सकता है कि अपने भी शायद लिए हों या लेने की सोच रहे हों. यहां हम बता रहे हैं ऐसे ही कुछ सामन संकल्पों के बारे में:
वजन घटाना
नए साल में अधिकतर लोग वजन घटने के लिए कसरत करने और खान-पान पर नियंत्रण करने का संकल्प जरूर लेते हैं. वो खुद से पक्का वादा करते हैं कि अब नए साल के पहले दिन से जंक और स्ट्रीट फूड खाना बिल्कुल छोड़ देगें और तुरंत जिम जाना शुरू कर देंगे. वैसे कई लोग अपने संकल्प को पूरा करने में सफल भी होते हैं.
स्मोकिंग छोड़ देंगे
कई बार स्मोकिंग करने वालों पर उनके आसपास के लोगों की स्मोकिंग छोड़ने की बातों का थोड़ा ज्यादा असर हो जाता है, तो वो नए साल से पक्का ऐसा करने का संकल्प ले लेते हैं. इस कारण कई बार वो लोग पिछले साल में कुछ ज्यादा ही स्मोकिंग कर डालते हैं.
शराब पीना छोड़ देंगे
स्मोकिंग की तरह कई लोग शराब छोड़ने का संकल्प भी लेते हैं. लेकिन, अक्सर ये संकल्प साल-दर-साल आगे बढ़ता रहता है. जो इसे पूरा कर लेता हैं, वो वाकई दृढ़ इच्छाशक्ति वाला होता है.
कुछ नया सीखना
अपने पेशेवर काम के अलावा कई लोगों में कुछ नया सीखने की भी चाहत होती है. पर वक्त की कमी या किसी अन्य कारण से ऐसा संभव नहीं हो पाता. इसलिए लोग नये साल का लक्ष्य बनाते हैं कि इस साल जरूर कोई नया कोर्स करेंगे या नया कौशल सीखेंगे.
नई जगहों पर घूमेंगे
घूमना तो शायद ही किसी को ना पसंद होता है. लेकिन, हमेशा इसके लिए समय मिल जाए ये जरूरी नहीं होता. इसलिए लोग पहले से ही नये साल के लिए घूमने के लिए अलग-अलग जगह सोच कर रख लेते हैं. पहले से योजना बना लेने से आगे भी उसी के अनुसार समय तय करते हैं.
लड़ाई कम करेंगे
ऐसा अमूमन कपल करते हैं. अगर किसी साल एक कपल में काफी झगड़ा हुआ हो और दोनों ही ऐसा न चाहते हों, तो नये साल में ऐसा न करने का संकल्प लेते हैं. एक-दूसरे को ज्यादा समय देंगे, समझने की कोशिश करेंगे और झगड़े नहीं करेंगे इसका वादा करते हैं.
बचत करेंगे
खर्चिले लोग अक्सर ऐसा संकल्प लेते दिखते हैं. वह पैसा तो बचाना चाहते हैं लेकिन खर्चों के कारण ऐसा नहीं कर पाते. फिर जब सैलेरी खत्म हो जाती है, तो उन्हें बचत न करने का अफसोस होता है. ऐसे में लोग अगले साल जरूर बचत करने का खुद से वादा करते हैं.