नई दिल्ली : दुनिया में तकनीक जितनी तेजी से आगे बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से इस तकनीक का गलत इस्तेमाल भी हो रहा है. चावल की खपत को देखते हुए अब प्लास्टिक के चावल भी बाजार भी खूब बेचे जा रहे हैं.
इस काले कारनामें में बड़े-बड़े व्यापारी शामिल हैं, जो बकायदा डिमांड पर प्लास्टिक के नकली चावल बनवा रहे हैं. सबसे बड़ी बात की यह चावल बिल्कुल असली जैसा ही होता है. इस चावल के खाने से गंभीर बीमारियां हो रही हैं.
कैसे बनता है नकली चावल ?
नकली चावल को बनाने के लिए आलू के स्टार्च को प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है. इसके मिक्सर को मशीन में डालकर चावल का आकार दिया जाता है. नकली चावल बनाने का अधिकतर काम चीन में होता है.
कैसे करें असली-नकली चावल की पहचान ?
सबसे पहले थोड़े से कच्चे चावल को एक पानी भरे बर्तन में डालें. यदि चावल पानी में बैठ जाते हैं तो असली और तैरने लगे तो समझ लीजिए कि उसमें कुछ ना कुछ मिलावट है.
दूसरा टेस्ट आप चावल को जलाकर कर सकते हैं. चावल जलाने में खुद ही प्लास्टिक की महक आने लगेगी. चावल को कूटकर भी चेक कर सकते हैं. यदि कूटने पर चावल का रंग बदल जाता है तो वह नकली हो सकता है.