नई दिल्ली. खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत छठ शुरू हो गया है. आज छठ पूजा का तीसरा दिन है. आज शाम को अस्ताचलगामी (डूबते) हुए सूर्य को व्रती अर्घ्य देंगे. छठ पूजा के अवसर पर प्रसाद के रूप में ठेकुआ विशेष रुप से बनाया जाता है. दूसरे शब्दों में कहें तो ठेकुआ ही छठ पूजा का प्रमुख प्रसाद है.
छठ पूजा की रेसिपी भी ठेकुआ ही है और यह पारंपरिक रेसिपी भी है. सबसे पहले आपको बता दें कि ठोककर बनाने के कारण ही इसे ठेकुआ कहा जाता है. ठेकुआ से ही भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और प्रसाद के रूप में इसे बांटा जाता है.
ठेकुआ बनाने की सामग्री
1. 1 किलो गेहूं का आटा
2. 300 ग्राम गुड़
3. आधा कप कद्दूकस किया हुआ नारियल
4. 10 इलायची का पाउडर या कूटा हुआ
5. तलने लायक रिफायंड या घी
6. किशमिश
बनाने की विधि
सबसे पहले एक बर्तन में गुड़ को लेकर भिगों दें ताकि वह गूंथने आटा के साथ गूंथने लायक हो जाए. अब किसी अन्य बर्तन में आटा निकालें और इसमें नारियल, इलायची और किशमिश डालकर अच्छे से मिलाएं. फिर भिगोए हुए गुड़ के पानी को छलनी से छान लें और उसी पानी से आटा गूथें. ध्यान रहे कि आटा थोड़ा मुलायम रहे न कि गिला हो जाए. यानी ठेकुआ का आटा रोटी वाले आटे से थोड़ा सख्त होना चाहिए.
अब गूंथे हुए आटे की छोटी-छोटी लोई बनाएं और फिर इस लोई को ठेकुआ के सांचे में रखकर बनाएं. ठेकुआ का सांचा अलग-अलग डिजाइन में भी बाजार में मिल जाएगा. यदि आपके पास डिजाइनर सांचा नहीं है तो रोटी बेलने वाली चौकी पर रखकर भी हाथ से लोई को दबाकर ठेकुआ बना सकते हैं.
अब कढाई में तेल या घी अच्छी तरह से तेज आंच पर गर्म करें. तेल के गर्म हो जाने के बाद आंच कम करके कढाई में और सांचे में बनाए हुए ठेकुआ को डालें और हल्के ब्राउन (भूरे) रंग होने तक पलटते रहें. उसके बाद भूरे होने के बाद कढाई से ठेकुआ निकालें. अब ठंडा होने पर एक एयर टाइट कंटेनर में बंद कर रख लें. ठेकुआ करीब महीने तक खराब नहीं होता है.