आइजोल बन गया है देश का पहला Horn फ्री शहर, कैसे- ये वीडियो देखिए
भारी ट्रैफिक और ट्रैफिक से पैदा होने वाला शोर-शराबा हमारे शहरों की पहचान बन गया है. जाम में फंसने के बाद अपनी खुद की आवाज भी गाड़ियों के हॉर्न के शोर के नीचे दब जाती है. लेकिन भारत में ही एक शहर ऐसा भी है जो कि पूरी तरह से हॉर्न के शोर से मुक्त है.
August 16, 2016 5:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मिजोरम. भारी ट्रैफिक और ट्रैफिक से पैदा होने वाला शोर-शराबा हमारे शहरों की पहचान बन गया है. जाम में फंसने के बाद अपनी खुद की आवाज भी गाड़ियों के हॉर्न के शोर के नीचे दब जाती है. लेकिन भारत में ही एक शहर ऐसा भी है जो कि पूरी तरह से हॉर्न के शोर से मुक्त है.
यानी कि यहां भारी ट्रैफिक में भी आपको चिड़ियों का चहचहाना सुनाई दे जाएगा और जो नहीं सुनाई देगा वह होगी हॉर्न की आवाज. दरअसल ‘Tranquility’ (शान्ति) नाम की शार्ट फिल्म हमारा परिचय मिज़ोरम की राजधानी आइजोल से कराती है, जिसे उसके तीन लाख निवासियों ने मिल कर हॉर्न के शोर से मुक्त शहर बनाया है.
यह फिल्म सरकार द्वारा पूर्वोत्तर के शहरों में फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए चलाये गए एक प्रोजेक्ट के तहत बनाई गयी है. जिसे की मिजोरम और नागालैंड के 6 नौजवानों ने बनाया है.
ईएनटी विशेषज्ञों के अनुसार 60 से 70 डेसिबल के ऊपर की ध्वनि कानो को चोट पहुंचने वाली होती है. वहीं एक कार का हॉर्न 110 डेसिबल तक का शोर पैदा करता है. 2013 की ही एक रिपोर्ट के अनुसार मुम्बई सबसे ज्यादा शोर-शराबे वाला शहर है. उसके बाद लखनऊ, हैदराबाद, चेन्नई और दिल्ली का नम्बर आता है.
इस रिजॉर्ट के लिहाज से आइजोल किसी स्वर्ग से कम नहीं है. अब देखना यह होगा कि कब दूसरे शहर आइजोल की राह पर चलते हैं और ध्वनि प्रदूषण से पैदा होने वाली बिमारियों पर लगाम लगाते हैं.