मॉनसून की शुरुआत और डेंगू की दस्तक, ये देसी तरीके देंगे राहत

मॉनसून आते ही अगर किसी बीमारी के सबसे ज्यादा लक्षण बनते हैं तो वह है डेंगू. देश की राजधानी दिल्ली में हर साल डेंगू से सैकड़ों की मौत होती हैं. इसी बीच अस्पतालों और डॉक्टरों के यहां मरीजों की भीड़ लग जाती है.

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मॉनसून की शुरुआत और डेंगू की दस्तक, ये देसी तरीके देंगे राहत

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  • July 24, 2016 12:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. मॉनसून आते ही अगर किसी बीमारी के सबसे ज्यादा लक्षण बनते हैं तो वह है डेंगू. देश की राजधानी दिल्ली में हर साल डेंगू से सैकड़ों की मौत होती हैं. इसी बीच अस्पतालों और डॉक्टरों के यहां मरीजों की भीड़ लग जाती है. लेकिन अस्पतालों और डॉक्टरों का सहारा लेने के साथ-साथ डेंगू को देसी तरीकों से भी मात दी जा सकती है.
 
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पपीता बनता है संजीवनी बूटी
डेंगू की बीमारी से लड़ने के लिए पपीते को सबसे बढ़िया माना जाता है. क्योंकि डेंगू से शरीर के गिर रहे प्लेटलेट्स की गिनती को बढ़ाने में इसे बेहतर उपाय माना जाता है. साथ ही इसका सेवन करने से लीवर रिक्वरी करने लगता है जिससे मरीज के जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है.
 
गिलोए का जूस रामबाण
डेंगू के इलाज के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी गिलोए को भी काफी अच्छा माना जाता है. इसके और तुलसी के 7 पत्तों का रस पीने से शरीर में डेंगू के लक्षण घटने लगते हैं. हालांकि यह बहुत कड़वा होता है लेकिन इसकी कड़वाहट को दूर करने के लिए किसी दूसरे जूस में मिलाकर इसे पिया जा सकता है.
 
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बकरी के दूध देता है जीवनदान
बकरी का दूध डेंगू की मरीजों की जान बचाने में रामबाण साबित हुआ है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जहां गाय का दूध पचने में 8 घंटे लेता है वहीं इसे महज 20 मिनट लगते हैं.

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