प्रदूषण पर राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्य योजना जरूरी: ग्रीनपीस

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर भारतीय शहरों की हवा को अत्यधिक प्रदूषित बताया है. डब्लूएचओ ने अपनी आज जारी रिपोर्ट में एक बार फिर इस बात पर जोर दिया है कि दिल्ली के साथ-साथ ग्वालियर, इलाहाबाद, पटना और रायपुर के अलावा दूसरे कई भारतीय शहरों की हवा में प्रदुषण की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच गयी है. साथ ही इससे निपटने की तत्काल जरुरत है.

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प्रदूषण पर राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्य योजना जरूरी: ग्रीनपीस

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  • May 12, 2016 4:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर भारतीय शहरों की हवा को अत्यधिक प्रदूषित बताया है. डब्लूएचओ ने अपनी आज जारी रिपोर्ट में एक बार फिर इस बात पर जोर दिया है कि दिल्ली के साथ-साथ ग्वालियर, इलाहाबाद, पटना और रायपुर के अलावा दूसरे कई भारतीय शहरों की हवा में प्रदुषण की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच गयी है. साथ ही इससे निपटने की तत्काल जरुरत है.
 
ग्रीनपीस इंडिया लगातार राष्ट्रीय स्वच्छ वायु योजना नीति को लागू करने की माँग करता रहा है और अपने रिपोर्ट्स में दिल्ली और देश के दूसरे शहरों में प्रदुषित हवा के खतरों की तरफ इशारा किया है. डब्लूएचओ ने आज जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार भी,  दिल्ली के अलावा अन्य कई भारतीय शहरों में खतरनाक होते वायु प्रदुषण से निपटने के लिये तत्काल राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर कार्य-योजना बनाने की जरुरत है.
 
ग्रीनपीस इंडिया के उठाये गए मुद्दे को समय-समय पर दूसरी एजेंसी और संस्था – जैसे आईआईटी कानपुर, डब्लूएचओ और सरकार के अपने केन्द्रीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड (सी॰पी॰सी॰बी॰) द्वारा जारी रिसर्च में भी दोहराया जाता रहा है.
 
“प्रदुषित हवा लंबी दूरियों को तय करते हुए फैलती है और जिस तरह प्रदूषित हवा राजनीतिक सीमाओं को नहीं पहचानती उसी तरह प्रदूषण से लड़ने के लिए भी एक संगठित राष्ट्रीय कार्य प्रणाली बनाना बहुत जरूरी है,”  ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेनर सुनिल दहिया ने कहा, “इस प्रक्रिया में सभी राज्यों को और सभी जुड़े हुए पक्षों को शामिल करना होगा. वायु प्रदुषण आज एक राष्ट्रीय समस्या है और इससे निपटने के लिये एक राष्ट्रीय कार्ययोजना वक्त की जरुरत है.”
 
सुनिल का कहना है, “हमें खुशी है कि सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिये कुछ कदम उठाये हैं. जैसे कि थर्मल पावर प्लांट्स से उत्सर्जन के नये मानकों को लागू करना, या वाहनों के लिये भारत VI मानक तय करना. अब सबसे जरुरी यह है कि इन नीतियों और मानदंडों को लागू किया जाये जिससे आम लोगों पर वायु प्रदुषण का मंडरा रहा खतरा कम हो. साथ ही, पर्यावरण पर कई सकारात्मक परिणाम के लिये, सरकार को स्वच्छ, अक्षय ऊर्जा की तरफ बढ़ना चाहिए। यह एकमात्र रास्ता है जिससे हम आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और स्वस्थ्य भविष्य दे सकते हैं.”

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