Advertisement

शाकाहारी और मांसाहारी के SEX Life पर PETA के Ad से विवाद

जानवरों की रक्षा के लिए मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ PETA के एक लेटेस्ट एड में शाकाहारी और मांसाहारी पुरुषों के सेक्स लाइफ की तुलना पर बहस छिड़ गई है. Last Longer नाम के एस एड में दिखाया गया है कि मांस नहीं खाने वाले ज्यादा देर तक आनंद ले पाते हैं.

Advertisement
  • January 30, 2016 12:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. जानवरों की रक्षा के लिए मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ PETA के एक लेटेस्ट एड में शाकाहारी और मांसाहारी पुरुषों के सेक्स लाइफ की तुलना पर बहस छिड़ गई है. Last Longer नाम के एस एड में दिखाया गया है कि मांस नहीं खाने वाले ज्यादा देर तक आनंद ले पाते हैं.

एडवर्टाइजिंग की दुनिया पर नज़र रखने वाली वेबसाइट एडवीक पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक 38 सेकेंड के इस विज्ञापन में दो फ्रेम में वेजन और नॉन-वेजन कपल को सेक्स करते दिखाया गया है.

एड में दिखाया गया है कि नॉन-वेजन कपल में पुरुष बहुत जल्द थक जाता है और उसकी पार्टनर नाराज़ होकर बेड से उठकर चली जाती है. वो भी उठकर बाहर निकलता है और सड़क पर एक एयर कंडीशनर उसके सिर पर गिर जाता है. मतलब ये कि अगर आप मांस खाते हैं तो सेक्स लाइफ में आनंद की कमी के साथ-साथ अचानक मौत का खतरा भी मंडराता रहेगा.

वहीं वेजन कपल को इस एड में लंबे समय तक यानी पूरे एड के खत्म होने तक सेक्स का आनंद लेते दिखाया गया है और पूरे एड के दौरान दोनों को पूरी तरह जोश से भरा दिखाया गया है. अंत में ये मैसेज भी आता है कि लंबे समय तक आनंद के लिए वेजन हो जाएं.

इस विज्ञापन पर सवाल खड़ा करते हुए एडवीक ने लिखा है कि वेजन के सेक्स लाइफ को बेहतर बताने का दावा वैज्ञानिक आधार पर कमजोर है क्योंकि सोयाबीन पुरुष के इरेक्शन पर बुरा असर डालता है.

एडवीक का कहना है कि ये बात तो रिसर्च से भी प्रमाणित है कि फल और कॉलेस्ट्रॉल वाली चीजों से दूर रहना पुरुष के इरेक्शन पर अच्छा असर डालता है.

एडवीक ने PETA पर पशुओं की सुरक्षा जैसे गंभीर मसले को इस फूहड़पन के साथ पेश करने के लिए सवाल उठाया है और कहा है कि इस एड ने PETA को नैतिक मूल्यों की बहस में धकेल दिया है.

 

Tags

Advertisement