नई दिल्ली. पैरेंट्स के लिए बच्चों से सेक्स या पॉर्न पर खुलकर बात करना बेहतर है. ऐसा करने से उनके गलत संगत में पड़ने की आशंका कम होती है और उनकी कई गलत आदतों को सुधारा भी जा सकता है.
बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं, वैसे-वैसे उनमें पॉर्न देखने की दिलचस्पी बढ़ती जाती है. इससे पैरेंट्स परेशान हो जाते हैं. पैरेंट्स अपने बच्चों से प\र्न के बारे में बात करना कल्चर के खिलाफ मानते हैं.
बच्चे पैरेंट्स से अगर कन्डॉम और सेक्स के बारे में पूछ लेते है तो उन्हें लगता है कि उनका बच्चा जरूर किसी गलत संगत में है. ऐसे में पैरेंट्स बच्चे को डांट देते है या उनके सवाल को इग्नॉर कर देते हैं. लेकिन ऐसा करके आप खुद बच्चों को पॉर्न देखने और सेक्स के बारे में सब कुछ खुद जानने के लिए मजबूर कर रहे हैं.
पॉर्न के बारे में बच्चों से भी खुलकर बात करें
एक रिसर्च के मुताबिक पैरेंट्स को अपने बच्चों से खुलकर पॉर्न को लेकर बातें करनी चाहिए क्योंकि इससे बच्चे आपसे ज्यादा फ्रेंडली होंगे और अपनी बातें शेयर करेंगे.
सेक्स से जुड़े सवालों को इग्नॉर न करें
जब भी बच्चे सेक्स पर कुछ पूछें तो परेशान होने या इग्नॉर करने के बदले उन्हें अच्छे से समझाएं और उनकी जिज्ञासा को शालीन तरीके से शांत करें. बच्चों को समझाएं कि सेक्स लाइफ का एक पार्ट है.