नई दिल्ली: भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास ने 2 अक्टूबर 2024 को लगने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर अच्छी आशंका व्यक्त की है। ज्योतिषीय गणना के आधार पर उनका कहना है कि इस सूर्य ग्रहण का असर देश-दुनिया पर पड़ने वाला है। ग्रहण लगे डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि साल […]
नई दिल्ली: भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास ने 2 अक्टूबर 2024 को लगने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर अच्छी आशंका व्यक्त की है। ज्योतिषीय गणना के आधार पर उनका कहना है कि इस सूर्य ग्रहण का असर देश-दुनिया पर पड़ने वाला है।
डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि साल 2022 में सिर्फ 15 दिन के अंतराल में दो ग्रहण लगे. 1979 में 22 अगस्त को सूर्य ग्रहण और 6 सितंबर को चंद्र ग्रहण लगा था। बिल्कुल ऐसा ही योग 2022 में भी बना है. 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण था और अब 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण है.
रविवार, 30 अक्टूबर 2022 को गुजरात के मोरबी में मच्छू नदी पर बना सस्पेंशन ब्रिज ढह गया। उस वक्त पुल पर करीब 500 लोग मौजूद थे, जो नदी में गिर गये. इस हादसे में 190 लोगों की मौत हो गई. साल 2022 से पहले 1979 में भी मच्छू नदी का बांध टूटने से हादसा हुआ था. जिसमें हजारों लोग मारे गए. 2022 और 1979 की इन दोनों दुर्घटनाओं में एक बात समान है कि उस समय भी सूर्य और चंद्र ग्रहण हुए थे।
43 साल पहले 11 अगस्त 1979 को बांध टूटने से मोरबी में बाढ़ आ गई थी और हजारों लोग मारे गए थे. वहीं उस वर्ष 22 अगस्त को सिंह राशि में सूर्य ग्रहण लगा था। इसके बाद 6 सितंबर को कुंभ राशि में चंद्र ग्रहण लगा। अक्टूबर 1979 में फिलीपींस में एक तूफ़ान आया, जिससे भारी जनहानि हुई। ठीक ऐसे ही हादसे 2022 में भी हो रहे हैं.
वराहमिहिर द्वारा रचित बृहत्संहिता के राहुचराध्याय में लिखा है कि जब एक ही महीने में एक साथ दो ग्रहण पड़ते हैं तो तूफान, भूकंप और मानवीय भूल से बड़ी संख्या में जनहानि होने की संभावना रहती है। जब सूर्य और चंद्र ग्रहण एक ही महीने में होते हैं तो सेनाओं की हलचल बढ़ जाती है। सरकारों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. प्राकृतिक आपदा घटित होने के योग बन रहे हैं।
आग, भूकंप, गैस दुर्घटना, विमान दुर्घटना जैसी प्राकृतिक आपदा की आशंका है। पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल अधिक रहेगा। दुनिया भर में सीमाओं पर तनाव शुरू हो जाएगा. रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी। आय में वृद्धि होगी. यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ होगा. खाद्य पदार्थों की कीमतें सामान्य रहेंगी। दुर्घटना, अग्निकांड, आतंक एवं तनाव की संभावना। आंदोलन, प्रदर्शन, हड़ताल, बैंक घोटाले, विमान दुर्घटनाएं, विमान में खराबी, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होंगे। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और भी होंगे. सत्ता संगठन में परिवर्तन होंगे।
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