नई दिल्ली: महिलाएं पुरुषों के मुकाबले आयरन की कमी (Iron-Deficiency) का ज्यादा सामना करती हैं। महिलाओं में आयरन की कमी होने के पीछे कई प्रमुख कारण होते हैं, जो उनके शारीरिक, जैविक, और आहार संबंधी कारकों से जुड़े होते हैं। आइए जानते हैं कि शरीर में आयरन की कमी के क्या लक्षण हैं और इसका उपचार क्या है।
महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान रक्त की हानि होती है, जिससे शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। यह कमी विशेष रूप से उन महिलाओं में अधिक होती है जो भारी मासिक धर्म का अनुभव करती हैं।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को न केवल अपने शरीर के लिए, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी अतिरिक्त आयरन की आवश्यकता होती है। यह आयरन की जरूरत पूरी न हो पाने पर एनीमिया (रक्ताल्पता) की समस्या हो सकती है।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी अतिरिक्त आयरन की आवश्यकता होती है क्योंकि उनके दूध के माध्यम से बच्चे को पोषण मिलता है। यदि आहार में आयरन की पर्याप्त मात्रा नहीं हो तो कमी हो सकती है।
अक्सर, महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं। इसके अलावा, महिलाएं अक्सर वजन कम करने के लिए डाइटिंग करती हैं, जिससे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
महिलाओं में आयरन अवशोषण की दर पुरुषों के मुकाबले अलग हो सकती है। इसके पीछे उनके शरीर की जैविक संरचना और हार्मोनल अंतर होते हैं।
आयरन की कमी के लक्षणों में थकान, कमजोरी, सिरदर्द, पीली त्वचा, श्वास की तकलीफ, और बालों का झड़ना शामिल हैं। यह समस्या गंभीर हो सकती है यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए।
आयरन की कमी को रोकने और इसका उपचार करने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाना चाहिए, जैसे कि पालक, दाल, मांस, और नट्स। साथ ही, आयरन सप्लीमेंट्स का सेवन भी डॉक्टर की सलाह के अनुसार किया जा सकता है। महिलाओं को नियमित रूप से अपने आयरन स्तर की जांच करवानी चाहिए और यदि कमी हो तो उचित चिकित्सा लेना चाहिए।
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