नई दिल्ली: कालाजार एक ऐसी बिमारी है. जिसने बिहार समेत कई राज्यों में लाखों लोगों की जान ली है. बता दें अब देश में कालाजार खत्म होने के दलहीज पर है. बता दें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आकड़े के मुताबिक 2023 में 595 मामले और 4 मौतें दर्ज की गईं और वहीं इस साल 339 मामले और एक मौत दर्ज की गई है. तो चलिए जानते है कालाजार कितनी खतरनाक बिमारी है और इसकी कहानी क्या है.
कालाजार को काला बुखार कहते है. ये देश में बिहार, बंगाल और झारखंड में सबसे ज्यादा देखने को मिलता था. हालांकि अब ये बिमारी खत्म होने के कगार पर है. काला जार बालू मक्खी के काटने से फैलता है. वहीं इसके शुरूआती लक्ष्ण देखने को नहीं मिलता है. कालाजार को विसरल लीशमैनियासिस (VL) भी कहते हैं. कालाजार एक प्रोटोजोआ परजीवी के वजह से होती है. ये बीमारी 9- सैंडफ्लाई प्रजातियों से ज्यादा फैलती है.
WHO ने कालाजार को सबसे खतरनाक बिमारी माना है. इस बीमारी का खतरनाक होने का सबसे बड़ा कारण है. इसकी समय पर पहचान न हो पाना है. अधिकतर लोग समान्य बुखार कहकर अनदेखा कर देते हैं और इलाज भी नहीं करवाते हैं. वहीं कई केस ऐसे भी आते है. जहां सरकार सैंडफ्लाई को मारने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करवाती है. तो वहां के रहने वाले लोग इसे मना कर देते है. उन्हें लगता है कि उन्हें इस बीमारी से नुकसान होगा. कालाजार बिमारी को लेकर जागरूक न होना ही इसे और खतरनाक बनाता है.
ये भी पढ़े:दिल्ली में ठंड से पारा गिरा, कई राज्यों में बारिश का आसार, जानें मौसम का हाल
उत्तर प्रदेश के संभल में एक मस्जिद के सर्वे के दौरान भीड़ और सुरक्षाकर्मियों के…
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता…
ICSI कक्षा 10वीं परीक्षा 18 फरवरी 2025 से शुरू होगी और 27 मार्च 2025 तक…
सीएम रेड्डी ने कहा कि अडानी ग्रुप इस वक्त विवादों में है. अगर हमारी सरकार…
दूल्हा गैस सिलेंडर लेकर एक बाइक सवार की बाइक पर बैठ गया और उस कार…
यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई जबरदस्त हिंसा हुई,…