नई दिल्ली: सावन का महीना भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान शिव की उपासना के साथ-साथ शरीर और मन की शुद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान कई लोग अपने खानपान पर विशेष ध्यान देते हैं। तामसिक, राजसिक और सात्विक भोजन के प्रकारों का चयन करना भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आइए जानते हैं इन तीनों प्रकार के भोजन के बारे में और सावन में किस प्रकार के आहार का सेवन करना चाहिए।
तामसिक भोजन वह है जो शरीर और मन को आलस्य, थकान और सुस्ती प्रदान करता है। इस प्रकार के भोजन में मांस, मछली, शराब, प्याज, लहसुन, और अधिक मसालेदार भोजन शामिल होते हैं। तामसिक भोजन का सेवन करने से शरीर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति भंग हो सकती है। तामसिक भोजन वे खाद्य पदार्थ होते हैं जो शरीर और मन को सुस्त और आलसी बनाते हैं। इनमें ज्यादातर गहरे रंग के अधिक मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। तामसिक भोजन का सेवन अधिकतर नींद, आलस, और भावनात्मक अस्थिरता का कारण बन सकता है।
राजसिक भोजन में उन खाद्य पदार्थों का समावेश होता है जो शरीर को उत्तेजित करते हैं और ऊर्जा प्रदान करते हैं। इस प्रकार के भोजन में ताजे फल, सब्जियाँ, अनाज, और दूध से बने उत्पाद शामिल होते हैं। राजसिक भोजन का सेवन करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है, लेकिन अत्यधिक सेवन करने से चिड़चिड़ापन और बेचैनी भी हो सकती है। राजसिक भोजन वे होते हैं जो हमें सक्रिय और जोशीला बनाते हैं, जैसे कि मसालेदार सब्जियाँ, चाय, कॉफी, और मिठाइयाँ।। परंतु राजसिक भोजन का अधिक सेवन भी हमारी मानसिक स्थिति को अस्थिर कर सकता है और हमें बेचैन कर सकता है।
सात्विक भोजन वह है जो शरीर और मन को शांति, शुद्धता और संतुलन प्रदान करता है। इस प्रकार के भोजन में ताजे फल, सब्जियाँ, सूखे मेवे, अनाज, दूध, और शुद्ध शाकाहारी भोजन शामिल होते हैं। सात्विक भोजन का सेवन करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। सात्विक भोजन सबसे शुद्ध और स्वच्छ प्रकार के भोजन माने जाते हैं। ये वे खाद्य पदार्थ हैं जो शरीर और मन को शांत और स्थिर करते हैं। सात्विक भोजन पाचन के लिए भी अच्छा होता है और मानसिक शांति को बढ़ावा देता है। किसी भी पूजा या व्रत के दौरान सात्विक भोजन करने की ही सलाह दी जाती है।
सावन का महीना आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। इस दौरान भगवान शिव की उपासना के साथ-साथ शरीर और मन की शुद्धि पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। इसलिए इस महीने में सात्विक भोजन का सेवन करना सबसे अच्छा माना जाता है। सात्विक भोजन शरीर और मन को शुद्ध करता है और धार्मिक कृत्यों में एकाग्रता बनाए रखने में मदद करता है। सावन में ताजे फल, सब्जियाँ, दूध, और सूखे मेवे जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। प्याज, लहसुन और अधिक मसालेदार भोजन से परहेज करें। ताजे और शुद्ध शाकाहारी भोजन का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है और धार्मिक दृष्टिकोण से भी सही माना जाता है।
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