नई दिल्ली: पश्चिमी अफ़्रीका में लासा बुखार का एक मामला सामने आया था. जिसकी वजह से एक मरीज की मौत हो गई, इस बीमारी से मरने वाले व्यक्ति को आयोवा सिटी के यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा हेल्थ केयर मेडिकल सेंटर में आइसोलेशन में रखा गया था. 29 अक्टूबर की दोपहर उनका निधन हो गया. जानिए लासा बुखार के लक्षण और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है.
लासा बुखार एक वायरल बीमारी है जो लासा वायरस की वजह से होता है. यह मास्टोमिस नटालेंसिस नामक चूहे से फैलता है. ये पश्चिमी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाया जाता है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक लासा बुखार जानलेवा हो सकता है. यह वायरल बीमारी घाना, बेनिन, लाइबेरिया, गिनी माली, सिएरा लियोन, टोगो और नाइजीरिया में स्थानिक मानी जाती है. इस बीमार का सबसे पहला मामला 1969 में आया था . इस बीमारी का नाम नाइजीरिया के नाम पर रखा गया है, जहां सबसे पहले इसका इलाज हुआ था.
ये बीमारी सामान्य कमजोरी और बुखार जैसे लक्षणों से शुरू होती है. वहीं कुछ दिनों के बाद इसमें कुछ अतरिक्त लक्षणों दिखते है. जैसे सिरदर्द, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, सीने में दर्द, मतली, उल्टी, दस्त, खांसी और पेट दर्द शामिल हैं. इस बीमारी की 6 से 21 दिनों तक की अवधि होती है. इसके लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 1 से 3 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं. वहीं गंभीर मामलों में, अक्सर लक्षण शुरू होने के 14 दिनों के अदंर मृत्यु हो जाती है.गर्भावस्था के अंतिम चरण में ये रोग विशेष रूप से गंभीर होता है,
इलाज क्या है
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. लेकिन इसके कई संभावित उपचार विकसित किए जा रहे हैं.
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