नई दिल्ली: डिप्रेशन या अवसाद एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो आजकल तेजी से बढ़ रही है। डिप्रेशन दुनिया भर में लगभग 28 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है। यह एक गंभीर स्थिति है जिसे अक्सर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं, क्योंकि इसके लक्षण सामान्य जीवन की समस्याओं से जुड़े हुए प्रतीत होते हैं। हालांकि, […]
नई दिल्ली: डिप्रेशन या अवसाद एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो आजकल तेजी से बढ़ रही है। डिप्रेशन दुनिया भर में लगभग 28 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है। यह एक गंभीर स्थिति है जिसे अक्सर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं, क्योंकि इसके लक्षण सामान्य जीवन की समस्याओं से जुड़े हुए प्रतीत होते हैं। हालांकि, डिप्रेशन के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जिन्हें पहचानकर इसका इलाज जल्द शुरू किया जा सकता है।
डिप्रेशन का सबसे सामान्य लक्षण है निरंतर उदासी का अनुभव। व्यक्ति अक्सर बिना किसी स्पष्ट कारण के बहुत निराश और असहाय महसूस करता है। यह भावना सप्ताहों या महीनों तक चल सकती है।
डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को आत्मसम्मान की कमी महसूस होती है। वह अपने बारे में नकारात्मक सोचता है और खुद को बेकार या असफल मानने लगता है।
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ऐसे व्यक्तियों में ऊर्जा का स्तर बहुत कम हो जाता है। रोज़मर्रा के काम करने में भी उन्हें अत्यधिक थकान का अनुभव होता है। यहां तक कि छोटे-छोटे काम करने में भी उन्हें अत्यधिक मेहनत लगती है।
नींद का पैटर्न डिप्रेशन से प्रभावित हो सकता है। कुछ लोग अत्यधिक नींद लेने लगते हैं, जबकि कुछ को अनिद्रा (Insomnia) की समस्या हो जाती है।
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जिन चीजों में पहले आनंद आता था, जैसे कि दोस्तों के साथ समय बिताना, अपने शौक, खाने का आनंद लेना, वे सब कुछ बेकार लगने लगता है। जीवन से आनंद की भावना पूरी तरह से गायब हो जाती है।
डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति के लिए ध्यान केंद्रित करना या निर्णय लेना कठिन हो जाता है। उसे चीज़ों को समझने और याद रखने में परेशानी हो सकती है।
गंभीर डिप्रेशन के मामलों में आत्महत्या के विचार या प्रयास भी हो सकते हैं। यह स्थिति सबसे गंभीर होती है, जिसके लिए तत्काल चिकित्सा हस्तक्षेप आवश्यक होता है।
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