नई दिल्ली: कीटो डाइट इन दिनों बहुत लोकप्रिय हो गई है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करके फैट और प्रोटीन को अधिक किया जाता है। यह डाइट वजन घटाने के लिए कई लोगों द्वारा अपनाई जा रही है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुछ लोग इस डाइट को अपनाने से बचें, क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
कीटो डाइट में उच्च प्रोटीन और फैट की मात्रा होती है, जो किडनी पर दबाव डाल सकती है। यदि किसी व्यक्ति को पहले से किडनी की बीमारी है, तो ऐसी डाइट उनके लिए जोखिम भरी हो सकती है। किडनी को अतिरिक्त प्रोटीन और वेस्ट पदार्थों को फिल्टर करने में कठिनाई हो सकती है, जिससे बीमारी बढ़ सकती है।
कीटो डाइट में फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिसमें ज्यादातर सैचुरेटेड फैट (जैसे कि मांसाहारी उत्पाद) होते हैं। यह दिल की बीमारी वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
कुछ लोग कीटो डाइट में अचानक बदलाव के कारण पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करते हैं। इसका कारण यह है कि शरीर कार्बोहाइड्रेट से फैट की ओर बदलाव करता है, जिससे पेट में गैस, सूजन और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे लोग, जिनको पहले से पाचन समस्याएं हैं, उन्हें यह डाइट करना नुकसानदायक हो सकता है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए कीटो डाइट से बचना जरूरी है। इस दौरान शरीर को विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। कीटो डाइट में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जो मां और बच्चे की सेहत पर असर डाल सकती है।
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