October 25, 2024
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सेहत को देगी चौंकाने वाले फायदे भूनी हुई गोंद, जानिए इसकी कुछ खास बातें

सेहत को देगी चौंकाने वाले फायदे भूनी हुई गोंद, जानिए इसकी कुछ खास बातें

  • WRITTEN BY: Shweta Rajput
  • LAST UPDATED : August 21, 2024, 1:53 pm IST
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नई दिल्ली: गोंद एक ऐसा पदार्थ है जिसे पेड़ों की छाल से निकाला जाता है। हमारे देश में इसे पारंपरिक रूप से औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। खासकर सर्दियों के मौसम में गोंद का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भूनी हुई गोंद का सेवन 80 साल की उम्र में भी जवानी जैसा जोश और ताजगी बनाए रख सकता है?

गोंद के स्वास्थ्य लाभ

गोंद में मौजूद पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, और प्रोटीन बुढ़ापे में हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करते हैं। ये तत्व न केवल हड्डियों को मजबूत बनाते हैं बल्कि शरीर की त्वचा को भी चमकदार बनाते हैं। भूनी हुई गोंद विशेष रूप से पेट की समस्याओं, जोड़ो के दर्द, और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायक होती है। बुढ़ापे में अक्सर शरीर में कमज़ोरी, जोड़ो में दर्द, और त्वचा की झुर्रियां जैसी समस्याएं आ जाती हैं। ऐसे में, भूनी हुई गोंद का सेवन इन सभी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुण शरीर के तंतुओं को पुनर्जीवित करते हैं और त्वचा की झुर्रियों को कम करने में सहायक होते हैं।

कैसे करें भूनी हुई गोंद का सेवन

भूनी हुई गोंद को दूध, घी, और मेवा के साथ मिलाकर खाया जा सकता है। इसे लड्डू के रूप में भी तैयार किया जा सकता है, जो खाने में स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है। इस लड्डू का नियमित सेवन शरीर में स्फूर्ति और ऊर्जा बनाए रखता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

गोंद के औषधीय गुणों पर किए गए वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर को भीतर से स्वस्थ रखते हैं। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि भूनी हुई गोंद का सेवन हड्डियों को मजबूत करने और उम्र बढ़ने के साथ आने वाली समस्याओं को कम करने में सहायक होता है। हालांकि, इसे सही मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए। भूनी हुई गोंद एक प्राकृतिक उपाय है जो उम्र बढ़ने के साथ आने वाली समस्याओं को कम करता है और बुढ़ापे में भी जवानी की ताजगी बनाए रखता है। यह पारंपरिक उपचार न केवल शरीर को मजबूत बनाता है बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखता है। इसलिए, इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं, लेकिन पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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