life style

बार-बार गुस्सा करने वालों में हो सकती है इन पोषक तत्वों की कमी, जानिए कैसे पहचाने

नई दिल्ली: बार-बार गुस्सा आना एक आम समस्या है, जो कई लोगों को परेशान करती है। यह समस्या ना सिर्फ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि इसके पीछे पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है। वैज्ञानिक शोध और विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ विशेष पोषक तत्वों की कमी से व्यक्ति का मूड और मानसिक स्थिति प्रभावित होती है, जिससे गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। आइए जानें, कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी से यह समस्या हो सकती है और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है।

1. विटामिन बी6 की कमी

विटामिन बी6 का शरीर में महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण में सहायक होता है, जो मस्तिष्क के मूड और भावनाओं को नियंत्रित करते हैं। जब शरीर में विटामिन बी6 की कमी होती है, तो सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर की कमी हो जाती है, जो व्यक्ति को चिड़चिड़ा और गुस्सैल बना सकता है। विटामिन बी6 की कमी को पूरा करने के लिए आप अपने आहार में मछली, चिकन, आलू, केले, और अनाज जैसे खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं। यदि कमी अधिक हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है।

2. मैग्नीशियम की कमी

मैग्नीशियम मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर की संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। यह शरीर में तनाव और घबराहट को कम करने में भी सहायक होता है। यदि शरीर में मैग्नीशियम की कमी होती है, तो व्यक्ति तनावग्रस्त, चिंतित और चिड़चिड़ा महसूस कर सकता है। मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के लिए आप अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, बीज, और साबुत अनाज शामिल करें। यह पोषक तत्व मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है।

3. विटामिन डी की कमी

विटामिन डी का अभाव भी मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। शोध में पाया गया है कि जिन लोगों में विटामिन डी की कमी होती है, उनमें डिप्रेशन, चिंता और गुस्सा जैसी समस्याएं अधिक होती हैं। विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए धूप में समय बिताना फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, दूध, दही, अंडे, और मछली जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन भी किया जा सकता है। आवश्यकता पड़ने पर विटामिन डी सप्लीमेंट्स का सेवन भी किया जा सकता है।

4. ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी

मस्तिष्क के विकास और कार्य में ओमेगा-3 फैटी एसिड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से मस्तिष्क की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंच सकता है। इसके कारण व्यक्ति को चिड़चिड़ापन और गुस्सा आ सकता है। आप अपने आहार में मछली, अलसी के बीज, चिया बीज, और अखरोट ओमेगा-3 की कमी को पूरा करने के लिए शामिल कर सकते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करता है।

5. जिंक की कमी

जिंक एक महत्वपूर्ण खनिज है, जो मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण और सिग्नलिंग में मदद करता है। इसकी कमी से व्यक्ति को मूड स्विंग्स, गुस्सा, और अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जिंक की कमी को दूर करने के लिए आप अपने आहार में मांस, बीन्स, नट्स, और डेयरी उत्पादों को शामिल कर सकते हैं। यह मस्तिष्क के स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक है।

Also Read…

पांडवों ने अपने पिता पांडु की लाश का मांस क्यों खाया था? जानिए रहस्य

क्या सोशल इंटरैक्शन में होती है परेशानी, तो आप हो सकते है इस डिसऑर्डर शिकार

Shweta Rajput

Recent Posts

30 साल पहले BJP से जुड़े.. पहले महाराष्ट्र फिर दिल्ली की राजनीति में जमाई धाक! जानें कौन हैं विनोद तावड़े

दावा किया गया कि बीजेपी में राष्ट्रीय महासचिव का पद संभालने वाले तावड़े के बारे…

3 hours ago

दिल्ली में प्रदूषण के आंकड़ों में हेरफेर! iTV सर्वे में लोग बोले- असलियत ज्यादा भयावह

दिल्ली की जहरीली हवाओं ने लोगों का सांस लेना दूभर कर दिया है. इस बीच…

4 hours ago

सेंट्रल जेल में कैदी आराम से कर रहा मोबाइल पर बात, वीडियो वायरल

एक कैदी जेल के गलियारे में आराम से बैठकर मोबाइल फोन पर बात करता नजर…

5 hours ago

घर पर बनाये बजार जैसा टेस्टी टोमेटो सॉस, जानें यहां रेसिपी

नई दिल्ली: बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी को टमाटर की चटनी खाना पसंद है.…

7 hours ago

राम चरण ने निभाया एआर रहमान से किया वादा, कहा- दरगाह से है गहरा नाता

हाल ही में राम चरण ने एआर रहमान से किया अपना वादा निभाया है. संगीतकार…

8 hours ago

असिस्टेंट लोको पायलट के लिए कब जारी होगा एडमिट कार्ड ?

रेलवे भर्ती बोर्ड ने 28 नवंबर को होने वाली असिस्टेंट लोको पायलट भर्ती परीक्षा के…

8 hours ago