नई दिल्ली: ओवरईटिंग या अधिक भोजन करना, आजकल की जीवनशैली में एक आम समस्या बन गई है। यह न केवल वजन बढ़ने का कारण बनती है, बल्कि शरीर के कई अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। आइए जानते हैं कि ओवरईटिंग से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ते हैं और इसे रोकने के […]
नई दिल्ली: ओवरईटिंग या अधिक भोजन करना, आजकल की जीवनशैली में एक आम समस्या बन गई है। यह न केवल वजन बढ़ने का कारण बनती है, बल्कि शरीर के कई अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। आइए जानते हैं कि ओवरईटिंग से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ते हैं और इसे रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
ओवरईटिंग का सबसे स्पष्ट प्रभाव वजन बढ़ना है। जब हम आवश्यकता से अधिक कैलोरी का सेवन करते हैं, तो शरीर उन्हें वसा के रूप में संग्रहित कर लेता है। यह वजन बढ़ने का मुख्य कारण होता है और इससे मोटापा की समस्या उत्पन्न होती है। मोटापा अपने आप में कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है, जैसे कि हृदय रोग, डायबिटीज, और उच्च रक्तचाप।
अधिक भोजन करने से पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे एसिड रिफ्लक्स, अपच, और गैस की समस्या हो सकती है। ओवरईटिंग के कारण पेट की मांसपेशियों पर भी प्रभाव पड़ता है, जिससे पेट फूलने और भारीपन का अनुभव हो सकता है।
अधिक भोजन करने से शरीर में इंसुलिन, लेप्टिन, और ग्रेलिन जैसे हार्मोनों का असंतुलन हो सकता है। इंसुलिन की अधिकता से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है, जबकि लेप्टिन और ग्रेलिन के असंतुलन से भूख और तृप्ति की अनुभूति में गड़बड़ी होती है, जिससे ओवरईटिंग की प्रवृत्ति और बढ़ जाती है।
ओवरईटिंग से शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ सकता है, जो हृदय रोग का कारण बन सकते हैं। अधिक भोजन करने से रक्तचाप भी बढ़ सकता है, जिससे हृदय की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ओवरईटिंग का मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। इसे इमोशनल ईटिंग या स्ट्रेस ईटिंग कहा जाता है। तनाव, उदासी, या अन्य नकारात्मक भावनाओं के कारण अधिक भोजन करना एक अस्वास्थ्यकर आदत है, जो अवसाद और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं को बढ़ा सकती है।
1. संतुलित आहार: संतुलित आहार का सेवन करें, जिसमें सभी पोषक तत्व सही मात्रा में हों।
2. भोजन के समय: नियमित समय पर भोजन करें और बीच-बीच में हल्का नाश्ता करें।
3. व्यायाम: नियमित व्यायाम करें, जिससे वजन नियंत्रित रहे और पाचन तंत्र सही ढंग से कार्य करे।
4. जल का सेवन: भोजन के बीच में पानी पिएं, जिससे भूख कम हो और पेट भरा महसूस हो।
5. मानसिक स्वास्थ्य: तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन, योग, या अन्य तनाव-प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करें।
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