केवल बादशाह ही नहीं, ये लोग भी मुगल हरम की रानियों से बनाते थे संबंध, जानें इसके पीछे की वजह?

  नई दिल्ली: मुगल हरम को लेकर देश में कई किताबें और अन्य साहित्य उपलब्ध है, जिसमें महिलाओं की संख्या, उनकी हालात और बादशाहों के व्यवहार को लेकर इतिहासकारों के बीच कई राय हैं. अकबर के अलावा कई मुगल शासकों की कहानी मशहूर हैं. कुछ कहानियां ऐसी है. जिनमें मुगल हरम में मौजूद महिलाओं के […]

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केवल बादशाह ही नहीं, ये लोग भी मुगल हरम की रानियों से बनाते थे संबंध, जानें इसके पीछे की वजह?

Shikha Pandey

  • November 15, 2024 11:24 am Asia/KolkataIST, Updated 3 hours ago

 

नई दिल्ली: मुगल हरम को लेकर देश में कई किताबें और अन्य साहित्य उपलब्ध है, जिसमें महिलाओं की संख्या, उनकी हालात और बादशाहों के व्यवहार को लेकर इतिहासकारों के बीच कई राय हैं. अकबर के अलावा कई मुगल शासकों की कहानी मशहूर हैं. कुछ कहानियां ऐसी है. जिनमें मुगल हरम में मौजूद महिलाओं के बादशाहों की गैरमौजूदगी के पीछे अधिकारियों के साथ संबंधों की चर्चा है.

 

राजा का दिल जीतना

जो महिला एक बार हरम में एंट्री ले लेती थी उन महिलाओं का संपर्क बाहरी दुनिया से पूरी तरह खत्म हो जाता था. उसे अपनी पूरी जिंदगी हरम की चारदीवारी में बितानी पड़ती थी. महिलाओं को चारदीवारी से बाहर निकालने का केवल एक तरीका होता था. वह था राजा का दिल जीतना बता दें राजा का दिल जिस महिला पर आ गया वह उसे हरम से बाहर लेकर जाता था. राजा का दिल जिस महिला पर आता था. वह उसके साथ ही संबंध बनाता था. ऐसे में हरम की बाकी महिला ऐसी ही रहती थी. तब हरम की महिलाएं का संबंध वहां के अधिकारियों से हो जाता था.

बीमार खाने में शिफ्ट

हरम में रहने वाली महिलाएं किसी से अपनी बीमारियों के बारे में बात नहीं कर सकती थी. अगर हरम में कोई महिला बीमार हो जाती थी. उसे बीमार खाने में शिफ्ट कर दिया जाता था और कोई बीमारी या किसी महिला के मौत के बारे में बात नहीं कर सकता था. कहा जाता है कि जहांगीर के हरम में दुखों पर कोई बातचीत नहीं होती थी. यानी हरम में जो महिलाएं रह रही है वह अपनी मुश्किलों पर बात नहीं कर सकती थी, क्योंकि जहांगीर सोचता था कि हरम केवल सुख और आनंद की चर्चा की जाए.

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