नई दिल्ली: शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. शरीर में लगभग 60 प्रतिशत पानी होता है. शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए लोग समय-समय पर पानी पीते रहते हैं. प्राचीन काल में लोग पानी पीने के लिए विभिन्न धातुओं का उपयोग करते थे। विज्ञान और तकनीक […]
नई दिल्ली: शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. शरीर में लगभग 60 प्रतिशत पानी होता है. शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए लोग समय-समय पर पानी पीते रहते हैं. प्राचीन काल में लोग पानी पीने के लिए विभिन्न धातुओं का उपयोग करते थे। विज्ञान और तकनीक के कारण आजकल विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थों का उपयोग करके बर्तन बनाए जाते हैं.
आजकल घरों में प्लास्टिक, कांच और चीनी मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाने लगा है. हम विस्तार से बताएंगे कि जिस बर्तन या गिलास से हम पानी पीते हैं वह सेहत के लिए अच्छा है या नहीं. भारत में प्राचीन काल से ही खाना खाने और पानी पीने के लिए कई तरह के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता रहा है. मिट्टी या चीनी मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग होने लगा है. आजकल पूरी दुनिया में पानी जमा करने के लिए प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल किया जाता है.
वहीं आज हम आपको इससे होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताएंगे. विशेषज्ञों के मुताबिक, प्लास्टिक और अन्य बर्तनों में पानी पीने की तुलना में कांच और कांच की बोतलों में पानी पीना ज्यादा फायदेमंद होता है. हमारी खराब जीवनशैली के कारण हम रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक का खूब इस्तेमाल करते है. घर हो या ऑफिस हम प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीना पसंद करते हैं. अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि धीमा जहर आपके शरीर में प्रवेश कर रहा है.
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज नाम के संस्थान ने एक अध्ययन में डरावना खुलासा किया है. जिसमें कहा गया है कि एक लीटर बोतलबंद पानी में प्लास्टिक के लगभग 2.40 लाख बारीक टुकड़े मौजूद होते हैं, जिससे स्वास्थ्य के लिए गंभीर और घातक खतरे हो सकते हैं.