आज के समय में बढ़ते प्रदूषण का असर हर किसी के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, लेकिन यह प्रेग्नेंट महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे के लिए ज्यादा खतरनाक है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण के कारण गर्भवती महिलाओं को सांस लेने में परेशानी, थकान और यहां तक कि गर्भावस्था में जटिलताएं होने का खतरा बढ़ सकता है।
नई दिल्ली: आज के समय में बढ़ते प्रदूषण का असर हर किसी के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, लेकिन यह प्रेग्नेंट महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे के लिए ज्यादा खतरनाक है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण के कारण गर्भवती महिलाओं को सांस लेने में परेशानी, थकान और यहां तक कि गर्भावस्था में जटिलताएं होने का खतरा बढ़ सकता है।
प्रदूषण के कारण हवा में मौजूद जहरीले कण शरीर में पहुंचकर मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह गर्भ में पल रहे बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर भी बुरा असर डाल सकता है।
– बच्चे का वजन कम होना: डॉक्टरों के अनुसार, प्रदूषण की वजह से बच्चे का वजन कम हो सकता है।
– गर्भावस्था में जटिलताएं: प्रेग्नेंट महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर और प्री-एक्लेम्पसिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
– सांस की समस्याएं: प्रदूषित हवा में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसें फेफड़ों को कमजोर कर सकती हैं।
1. मास्क पहनें: जब भी बाहर जाएं, N95 या अन्य उच्च गुणवत्ता वाले मास्क का उपयोग करें। यह हवा में मौजूद हानिकारक कणों को आपके शरीर में प्रवेश करने से रोक सकता है।
2. घर के अंदर की हवा को शुद्ध रखें: घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और खिड़कियों को ज्यादा देर तक खुला न रखें, खासकर सुबह और शाम को जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है।
– पौष्टिक भोजन: प्रदूषण से लड़ने के लिए शरीर को मजबूत बनाना जरूरी है। विटामिन सी, विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन करें।
– तरल पदार्थ: ज्यादा से ज्यादा पानी और ताजे फलों का जूस पिएं ताकि शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकल सकें।
– योग और व्यायाम: घर के अंदर हल्के योगासन करें, जिससे फेफड़े मजबूत रहें।
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