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मैनपुरी के अस्पताल नर्स मांगने लगी नेग, नहीं दिया तो 40 मिनट तक बच्चे को मेज पर लिटाया, हुई मौत

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक नर्स की जिद के कारण नवजात शिशु की मौत हो गई। मैनपुरी में सरकारी अस्पताल की नर्स ने बच्चे के पैदा होने पर माता-पिता नेग मांगा और जब वह उसे नेग नहीं दे पाए तो 40 मिनट तक […]

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मैनपुरी के अस्पताल नर्स मांगने लगी नेग, नहीं दिया तो 40 मिनट तक बच्चे को मेज पर लिटाया, हुई मौत
  • October 1, 2024 2:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक नर्स की जिद के कारण नवजात शिशु की मौत हो गई। मैनपुरी में सरकारी अस्पताल की नर्स ने बच्चे के पैदा होने पर माता-पिता नेग मांगा और जब वह उसे नेग नहीं दे पाए तो 40 मिनट तक बच्चा अपने पास रखा। माता-पिता को नर्स ने पैसे मिलने के बाद ही बच्चा लौटाया। इस दरमियान बच्चे की तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।

 

नेग नहीं मिला तो बच्चे को मेज पर रखा

 

जानकारी के अनुसार मामला मैनपुरी के करहल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का बताया जा रहा है। 19 सितंबर को यहां पर गांव की निवासी संजली को प्रसव पीड़ा हुई। उसके परिजन उन्हें लेकर करहल सीएचसी पहुंचे। स्वास्थ्य केंद्र आते ही गर्भवती संजली को भर्ती कर लिया गया। नर्स ने बच्चे के जन्म के बाद नेग के रूप में 5100 रुपये मांगे। परंतु संजली के पति सुजीत के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह नर्स की मांग को पूरा कर सकें। उसने किसी तरह पैसों का जुगाड़ किया और इस काम में लगभग 40 मिनट लग गए। इस दौरान नर्स ने नवजात बच्चे को मेज पर लिटाए रखा।

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जांच समिति गठित

 

नर्स ने वजात को उसके माता-पिता को नेग के पैसे मिलने के बाद सौंपा, परंतु तब तक बच्चे की तबीयत बिगड़ गई थी। हालत ज्यादा बिगड़ने के बाद शिशु को अन्य अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जानकारी के अनुसार डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले में संज्ञान लिया और आरोपी नर्स को तत्काल वहां से हटाने एवं जांच के निर्देश दिए हैं। इस घटना को लेकर ब्रजेश पाठक के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। सुल्तानगंज के विछवां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आरोपी संविदा स्टाफ नर्स ज्योति भदौरिया को स्थानान्तरित करने के आदेश दिए हैं।

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डिप्टी सीएम ने आदेश दिये

 

डिप्टी सीएम ने इस मामले को लेकर सीएमओ को जांच के आदेश दिये हैं। जांच टीम में जिला कार्यक्रम प्रबंधक संजीव कुमार वर्मा, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विजेंद्र सिंह और डॉ. संजीव राव बहादुर शामिल हैं। डिप्टी सीएम ने परिवार कल्याण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के मंडलीय अपर निदेशक, मौके पर कानपुर जाकर जांच करने के निर्देश दिए हैं। एक सप्ताह में पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की है। डिप्टी सीएम का कहना है कि जांच में किसी भी दशा में लापरवाही हमारी ओर से बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।

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