नई दिल्ली: हममें से कई लोग रात में सोने की कोशिश करते हैं, लेकिन नींद आंखों से कोसों दूर रहती है। आप बिस्तर पर करवटें बदलते रहते हैं, घड़ी की ओर बार-बार देखते हैं, लेकिन नींद नहीं आती। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो इसकी कई वजहें हो सकती हैं।
नींद न आने का सबसे बड़ा कारण तनाव और चिंता होती है। अगर आपका दिमाग किसी चिंता या तनाव में उलझा रहता है, तो उसे शांत करना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या आजकल ज्यादातर लोगों में देखने को मिल रही है, खासकर कामकाजी पेशेवरों और छात्रों में। लगभग 45% भारतीयों को तनाव और चिंता की वजह से नींद न आने की समस्या का सामना करना पड़ता है।
अगर आपकी दिनचर्या नियमित नहीं है, तो इसका असर आपके सोने की आदतों पर पड़ सकता है। रात को देर तक जागना, बार-बार सोने का समय बदलना, और अस्वस्थ खानपान भी आपकी नींद को प्रभावित करते हैं। शरीर को एक नियमित सोने और उठने का समय चाहिए होता है ताकि वह ठीक से काम कर सके।
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चाय, कॉफी या अन्य कैफीन युक्त पेय पदार्थों का अधिक सेवन आपकी नींद में बाधा डाल सकता है। कैफीन एक ऐसा पदार्थ है, जो आपके तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और आपको जाग्रत रखता है। इसलिए कोशिश करें कि आप सोने से कम से कम 6 घंटे पहले कैफीन का सेवन न करें।
मोबाइल, टीवी या लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल भी नींद पर असर डालता है। स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट आपकी बॉडी की मेलाटोनिन नामक हार्मोन की प्रक्रिया को प्रभावित करती है, जो नींद लाने के लिए जिम्मेदार होता है। सोने से पहले स्क्रीन का इस्तेमाल नींद की गुणवत्ता को 40% तक कम कर सकता है।
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