नई दिल्ली: हाई कोलेस्ट्रॉल आजकल की जीवनशैली और खान-पान के कारण बहुत ही सामान्य समस्या बन गई है। कोलेस्ट्रॉल शरीर में एक प्रकार का फैट होता है, जो कुछ हद तक शरीर के लिए आवश्यक होता है, लेकिन जब इसकी मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो यह खतरनाक हो सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें और कुछ ऐसे फूड्स को अपनी डाइट से बाहर कर दें जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं।
ट्रांस फैट्स एक प्रकार का अनहेल्दी फैट है जो प्रोसेस्ड फूड्स में पाया जाता है। हाइड्रोजेनेटेड ऑयल से तैयार किया जाता है, जो फूड्स को लंबे समय तक प्रिज़र्व करने में मदद करता है। ट्रांस फैट्स शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को घटाते हैं, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, बेकरी प्रोडक्ट्स, फ्रेंच फ्राइज, और अन्य फ्राइड फूड्स को डाइट से बाहर करना चाहिए।
सैचुरेटेड फैट्स ज्यादातर एनिमल प्रोडक्ट्स में पाया जाता है, जैसे कि बटर, घी, रेड मीट, और फुल फैट डेयरी प्रोडक्ट्स। सैचुरेटेड फैट्स के अधिक सेवन से शरीर में LDL कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक का प्रमुख कारण हो सकता है। इसलिए, इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए और इसे मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स से रिप्लेस करना चाहिए, जो कि जैतून का तेल, मछली, और नट्स में पाए जाते हैं।
अधिक शुगर का सेवन भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। शुगर का सेवन शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाता है, जिससे एक प्रकार के फैट का स्तर बढ़ता है। यह भी हार्ट डिजीज का कारण बन सकता है। कोल्ड ड्रिंक्स, केक, पेस्ट्रीज, और कैंडी जैसी शुगर से भरपूर फूड्स को डाइट से हटाना आवश्यक है।
रेड मीट, जैसे कि बीफ, पोर्क, और लैम्ब में सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा अधिक होती है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। रेड मीट के नियमित सेवन से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इसे सफेद मीट, जैसे कि चिकन या फिश से रिप्लेस किया जा सकता है, जो शरीर के लिए हेल्दी होते हैं।
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