Advertisement
  • होम
  • life style
  • शुभ योग में हरियाली तीज आज ,जानें शुभ मुर्हूत और पूजन विधि

शुभ योग में हरियाली तीज आज ,जानें शुभ मुर्हूत और पूजन विधि

शुभ योग में हरियाली तीज आज ,जानें शुभ मुर्हूत और पूजन विधि Hariyali Teej today in auspicious time, know the auspicious time and method of worship

Advertisement
haryali teej
  • August 7, 2024 12:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

नई दिल्ली : आज यानी 7 अगस्त 2024 को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जा रहा है. हरियाली तीज सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक तीज पर भगवान भोलेनाथ और पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. इस दौरान सुहागिन महिलाएं वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए यह व्रत रखती हैं .सुहागन महिलाएं के अलावा कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए ये व्रत रखती हैं। इस व्रत में हरे रंग के महत्व होने के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है. इस दिन सुहागन महिलाएं हरे रंग की साड़ी, हरी चूड़ियां आदि पहनती हैं. आइए जानते हैं कि हरियाली तीज व्रत का शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा विधि तक की जानकारी.

हरियाली तीज पर शुभ योग

इस साल हरियाली तीज पर 3 शुभ योग बनेंगे। हरियाली तीज के दिन परिघ योग, शिव योग और रवि योग बनने जा रहा है.रवि योग रात 8 बजकर 30 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 8 अगस्त को सुबह 5 बजकर 47 मिनट तक रहने वाला है. वहीं परिघ योग प्रात:काल से लेकर सुबह 11 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. और उसके बाद शिव योग लगेगा. शिव योग अगले दिन पारण तक रहेगा.

व्रत की पूजन विधि

हरियाली तीज के दिन उपवास रखना बेहद लाभकारी होता है। अगर आप व्रत नहीं रख पाएं किसी कारण वश तो उस दिन केवल सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। इस दिन महिलाओं को सजना जरूर चाहिए, साथ ही मां पार्वती को सुहाग की सामग्री जरूर अर्पित करनी चाहिए. इसके अलावा किसी सुहागिन महिला को सुहाग की सामग्री को उपहार में दें.हरियाली तीज पर प्रदोष काल में ही पूजा करना सबसे उत्तम होता है।

तीज के दिन हरे रंग का महत्व

तीज के दिन सुहागिन महिलाएं हरे रंग की साड़ी चूड़ियां पहनती है.मान्यता है कि हरा रंग पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को बढ़ाता है. धार्मिक मान्यता है हरियाली तीज के दिन ये रंग पहनने से शिव-पार्वती की कृपा बनी रहती है. इसलिए हरियाली तीज पर हरे रंग के कपड़े व हरी चूड़ियां पहनने की परंपरा है।

 

Advertisement