नई दिल्ली: ग्रीन टी को आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है, खासकर वजन घटाने और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण। हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह लाभकारी नहीं बल्कि हानिकारक साबित हो सकती है। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बात की पुष्टि करते हैं कि कुछ खास परिस्थितियों में ग्रीन टी का सेवन स्वास्थ्य […]
नई दिल्ली: ग्रीन टी को आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है, खासकर वजन घटाने और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण। हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह लाभकारी नहीं बल्कि हानिकारक साबित हो सकती है। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बात की पुष्टि करते हैं कि कुछ खास परिस्थितियों में ग्रीन टी का सेवन स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है।
जिन लोगों को पेट में एसिडिटी, अल्सर आदि जैसी समस्याएं होती हैं, उन्हें ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए। ग्रीन टी में मौजूद टैनिन पेट में एसिड की मात्रा बढ़ा सकता है, जिससे एसिडिटी और अल्सर जैसी समस्याएं और गंभीर हो सकती हैं। एक शोध के अनुसार, खाली पेट ग्रीन टी पीने से पेट की समस्याएं बढ़ सकती हैं और गैस्ट्रिक परेशानी उत्पन्न हो सकती है।
ग्रीन टी आयरन के अवशोषण को कम कर सकती है। इसमें मौजूद टैनिन शरीर में आयरन के अवशोषण को रोकने का काम करता है, खासकर जब इसे भोजन के साथ या तुरंत बाद पिया जाता है। आयरन की कमी वाले लोगों के लिए यह स्थिति और खराब हो सकती है। एक अध्ययन से पता चला है कि जिन लोगों में आयरन की कमी होती है, उन्हें ग्रीन टी का सेवन सीमित करना चाहिए या पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए।
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गर्भवती महिलाओं को ग्रीन टी के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इसमें कैफीन की थोड़ी मात्रा होती है। उच्च मात्रा में कैफीन गर्भावस्था में जोखिम पैदा कर सकता है। वहीं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं में भी अधिक मात्रा में ग्रीन टी पीने से बच्चे पर इसका नकारात्मक असर हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को दिन में 200 मिलीग्राम से अधिक कैफीन नहीं लेना चाहिए, जो लगभग दो कप ग्रीन टी के बराबर होती है।
हालांकि ग्रीन टी दिल के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन जिन लोगों को दिल से संबंधित गंभीर समस्याएं हैं, उन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए। ग्रीन टी में मौजूद कैफीन दिल की धड़कनों को तेज कर सकता है, जो हृदय रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है।
ग्रीन टी में मौजूद कैफीन नींद में बाधा डाल सकता है, खासकर यदि इसे शाम या रात के समय पिया जाए। जो लोग पहले से ही अनिद्रा से परेशान हैं, उन्हें ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए। इससे नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है, और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। कैफीन नींद के चक्र को प्रभावित करता है और अनिद्रा को और बढ़ा सकता है।
ग्रीन टी का अधिक सेवन लीवर पर बुरा असर डाल सकता है। कुछ शोधों से पता चला है कि ग्रीन टी के अर्क में मौजूद पॉलीफेनॉल्स लीवर की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। जिन लोगों को पहले से ही लीवर की बीमारी है, उन्हें ग्रीन टी के सेवन से बचना चाहिए या अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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