नई दिल्ली: महिलाओं को मासिक धर्म या पीरियड्स आना रेगुलर साइकिल होती है. बता दें कि हर महिला को 28 से 35 दिन के अंदर पीरियड्स आते हैं. इस दौरान उनकी बॉडी से गंदा खून बाहर निकलता है और बॉडी में साफ प्यूरीफाई खून का फ्लो होता है. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि जब महिला प्रेग्नेंट होती हैं. अगर तब उन्हें ब्लीडिंग होती है तो इससे क्या नुकसान हो सकता है. चलिए जानते है
प्रेगनेंसी के दौरान पीरियड्स होने से महिलाओं को कई समस्या हो सकती है. प्रेगनेंसी के फर्स्ट ट्राइमेस्टर में हल्की स्पॉटिंग होना तो सामान्य बात है, लेकिन अगर बाद में ब्लीडिंग होती है तो मिसकैरेज होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. इसके अलावा पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग होने के कुछ संभावित कारण में गर्भाशय ग्रीवा पॉलिप का बढ़ना, गर्भाशय ग्रीवा का संक्रमण, समय से पहले डिलीवरी होना, प्रेगनेंसी के दौरान सेक्सुअल रिलेशन बनाना आदि हो सकते हैं. अगर प्रेगनेंसी के दौरान ब्लीडिंग होती है, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को मासिक धर्म नहीं आता है, क्योंकि महिलाओं के गर्भाशय की परत बनी रहती है. जिसके वजह से ब्लीडिंग नहीं होती है. जब बच्चे की डिलीवरी हो जाती है. उसके बाद महिलाओं को 30 से 45 दिन तक पीरियड्स होते हैं और शरीर में जितना भी खराब खून होता है वह इस दौरान बाहर निकल जाता है.
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