Depression : आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी के बीच रिश्तों के मायने बदलते जा रहें है . पहले की जिदंगी में जहां लोग काम और पैसे के ऊपर रिश्ते को वैल्यू करते थे. वहीं अब लोग काम की भागमभाग और लोगों की जिम्मेदारी इतनी ज्यादा बढ़ गई है. कि वह रिश्तों को बचाने की कोशिश […]
Depression : आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी के बीच रिश्तों के मायने बदलते जा रहें है . पहले की जिदंगी में जहां लोग काम और पैसे के ऊपर रिश्ते को वैल्यू करते थे. वहीं अब लोग काम की भागमभाग और लोगों की जिम्मेदारी इतनी ज्यादा बढ़ गई है. कि वह रिश्तों को बचाने की कोशिश नहीं करते हैं. जिससे उनकी पारिवारिक रिश्तों में दरार आ जाता है. जिसका असर बच्चों के मेंटल हेल्थ पर पड़ता है
पिछले कुछ सालों में तलाक के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे है .तलाक सिर्फ माता-पिता को ही अलग नहीं करता .बल्कि इसका सबसे ज्यादा असर बच्चे के मेंटल हेल्थ पर पड़ता है. माता -पिता के बीच का अलगाव उन्हें दिमागी तौर पर कमजोर कर देता है. जिसका असर उनके ग्रोथ पर पड़ता है.
बच्चे के लिए माता-पिता दोनों ही जरूरी होते है. बच्चे खुद को बेहद सेफ महसूस करते हैं. मगर जब माता-पिता का तलाक हो जाता है तो दोनों में से किसी एक के पास रहने का ऑप्शन दिया जाता है. क्योंकि वह एक साथ एक घर में रह नहीं सकते हैं. जिसका सबसे ज्यादा असर बच्चों के मेंटल हेल्थ पर पड़ता है.यह बहुत ज्यादा खतरनाक हो जाता है.जिसके कारण बच्चे डिप्रेशन और एंग्जायटी के शिकार हो जाते है
इसके अलावा बच्चे हीन भावना के शिकार हो जाते है .बच्चे समाज और दोस्तों से कटने लगते हैं. उन्हें लगता है कि उसे दूसरे लोग बुरा और खराब बोलेंगे. जिसके चलते वह लोगों से अलग रहने की कोशिश करते हैं. वह खुद को लेफ्टआउट महसूस करने लगते हैं.
माता-पिता अगर तलाक लेते है .तो उन्हें यह बिल्कुल समझना चाहिए कि उनके तलाक का सीधा असर बच्चे पर पड़ेगा. तलाक के समय बच्चे को माता या पिता में से किसी एक को चुनना होता है जिसके साथ वह आगे रहने वाला है. ऐसे में माता-पिता की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चे को समझाय कि वह एक- दूसरे से अलग हो रहे हैं . लेकिन माता-पिता के तौर पर वह बच्चे के साथ हमेशा रहेंगे.
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