Inkhabar logo
Google News
गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम से हो सकती हैं गंभीर समस्या, जाने सही मात्रा क्यों है जरूरी

गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम से हो सकती हैं गंभीर समस्या, जाने सही मात्रा क्यों है जरूरी

नई दिल्ली: गर्भावस्था के दौरान शारीरिक और मानसिक बदलावों के साथ-साथ शरीर को कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण तत्व है कैल्शियम। कैल्शियम न केवल मां के शरीर के लिए आवश्यक होता है, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के संपूर्ण विकास के लिए भी बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि गर्भावस्था में कैल्शियम की सही मात्रा क्यों आवश्यक है, और इसे किस प्रकार पूरा किया जा सकता है।

कैल्शियम की भूमिका

गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम का मुख्य काम शिशु के हड्डियों और दांतों के निर्माण में मदद करना होता है। शिशु के शरीर में 99% कैल्शियम हड्डियों में जमा होता है, और उसका बाकी हिस्सा मांसपेशियों, रक्त, और तंत्रिकाओं के सुचारू संचालन के लिए होता है। गर्भवती महिलाओं को रोजाना से अधिक कैल्शियम की जरूरत होती है, क्योंकि भ्रूण की हड्डियों का विकास गर्भ में ही होता है। अगर मां के शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, तो शिशु आवश्यक कैल्शियम को मां की हड्डियों से लेता है, जिससे मां के शरीर में कमजोरी या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

शिशु के विकास में सहायता

शिशु के मस्तिष्क, हड्डियों और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए कैल्शियम अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। गर्भावस्था के अंतिम तिमाही के दौरान शिशु की हड्डियों का तीव्र विकास होता है, और उस समय शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की आवश्यकता होती है। कैल्शियम न केवल शिशु के शरीर को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि उसकी हृदय गति को नियंत्रित रखने और मांसपेशियों के सही ढंग से काम करने में भी मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान, मां का शरीर अपने शिशु के लिए कैल्शियम का प्रमुख स्रोत होता है। अगर आहार में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम नहीं मिल पाता, तो शिशु मां के हड्डियों से कैल्शियम लेना शुरू कर देता है। इससे मां की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और आगे चलकर हड्डियों से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। इसी कारण गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम युक्त आहार लेना अत्यधिक आवश्यक है।

कैल्शियम की कमी के खतरे

1. मांसपेशियों में ऐंठन: कैल्शियम की कमी से मां को मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन की समस्या हो सकती है।

2. ऑस्टियोपोरोसिस: मां की हड्डियों से कैल्शियम की अधिक खपत होने पर हड्डियों की ताकत कम हो जाती है।

3. शिशु के विकास में बाधा: पर्याप्त कैल्शियम न मिलने से शिशु के हड्डियों और दांतों के विकास में समस्या आ सकती है।

4. उच्च रक्तचाप: कुछ अध्ययन बताते हैं कि गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी से प्रीक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप) का खतरा बढ़ सकता है।

कैल्शियम के स्रोत

– दूध और दूध से बने उत्पाद: जैसे दही, पनीर, छाछ।

– हरी पत्तेदार सब्जियां: जैसे पालक, बथुआ, सरसों।

– बादाम: बादाम कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत है।

– कैल्शियम सप्लीमेंट्स: अगर आहार से कैल्शियम की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही हो, तो डॉक्टर के निर्देशानुसार सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं।

Also Read…

दिन-रात भारत को गाली देने वाली कुख्यात महिला से मिले राहुल, आज़ाद कश्मीर का दे चुकी है नारा

अकाल मृत्यु के बाद प्रेत योनि में क्यों जातें हैं लोग, जानिए गरुड़ पुराण में मुक्ति के उपाय

Tags

calciuminkhabarpregnancyright amount is importantserious problemsToday News
विज्ञापन