नई दिल्ली:बढ़ती गंभीर वायु गुणवत्ता का मतलब यह भी है कि यह एक व्यक्ति के द्वारा प्रतिदिन 50 सिगरेट फूंकने के बराबर है. राष्ट्रीय राजधानी में सबसे खराब स्थिति में है. बता दें राजधानी में AQI 978 है. यहां पर एक व्यक्ति हर दिन 49.02 सिगरेट सांस में ले सकता है. अक्टूबर के अंत में […]
नई दिल्ली:बढ़ती गंभीर वायु गुणवत्ता का मतलब यह भी है कि यह एक व्यक्ति के द्वारा प्रतिदिन 50 सिगरेट फूंकने के बराबर है. राष्ट्रीय राजधानी में सबसे खराब स्थिति में है. बता दें राजधानी में AQI 978 है. यहां पर एक व्यक्ति हर दिन 49.02 सिगरेट सांस में ले सकता है. अक्टूबर के अंत में दिल्ली में हवा की गुणवत्ता निम्न स्तर पर है और हर दिन खराब होती जा रही ह. इसके लिए पटाखे और पराली जलाना जैसे कई कारक जिम्मेदार हैं.
दिल्लीवासियों को सबसे बुरे डर का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि AQI लोगों के कल्पना से भी बदतर है। Aqi.in के मुताबिक, 18 नवंबर को दोपहर 12:30 बजे तक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि AQI 978 था. ये हर दिन यानी 24 घंटे में 49.02 सिगरेट पीने के बराबर है.
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि के बावजूद ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानि जीआरएपी के चरण 4 को लागू करने में देरी के लिए आप के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को फटकार लगाई हैं . जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि वह जीआरएपी के चरण 4 के तहत निवारक उपायों में कोई छूट नहीं देगी. भले ही AQI 450 से नीचे चला जाए.
. बाहर निकलते समय मास्क अवश्य पहनें। खासकर उन इलाकों में जहां हवा की गुणवत्ता खराब है.
.घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. बाहरी प्रदूषण से घर के अंदर की हवा भी प्रभावित हो सकती है.
.वायु प्रदूषण के दौरान खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें. वेंटिलेशन महत्वपूर्ण है, प्रदूषण के दौरान खिड़कियां और दरवाजे बंद रखना प्रदूषकों को आपके घर में प्रवेश करने से रोकने के लिए जरूरी है.