आजकल रील्स और अन्य डिजिटल कंटेंट देखने का चलन बढ़ता जा रहा है। हालांकि,विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यह आदत स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। हालिया अध्ययनों के अनुसार, स्क्रीन टाइम का ज्यादा इस्तेमाल केवल आंखों या मानसिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि मस्तिष्क और हृदय पर भी बुरा असर डाल सकता है।
नई दिल्ली: आजकल रील्स और अन्य डिजिटल कंटेंट देखने का चलन बढ़ता जा रहा है। हालांकि,विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यह आदत स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। हालिया अध्ययनों के अनुसार, स्क्रीन टाइम का ज्यादा इस्तेमाल केवल आंखों या मानसिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि मस्तिष्क और हृदय पर भी बुरा असर डाल सकता है।
लंबे समय तक एक जगह बैठे रहना और स्क्रीन को देखते रहना शारीरिक सक्रियता को कम करता है, जिससे मोटापा, उच्च रक्तचाप, और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। ये सभी स्ट्रोक के प्रमुख कारण हैं। एक अध्ययन में यह पाया गया कि दिन में 2 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम स्ट्रोक का खतरा 20% तक बढ़ाता है।
गतिहीन आदतें जैसे मोबाइल या टीवी के सामने घंटों बिताना, मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को प्रभावित कर सकता हैं, जिससे स्ट्रोक और अन्य तंत्रिका संबंधी समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है।
– मांसपेशियों में तनाव, गर्दन और पीठ दर्द।
– नींद की कमी और मानसिक स्वास्थ्य पर असर, जैसे चिंता और चिड़चिड़ापन।
– बच्चों और युवाओं में एकाग्रता की कमी और सामाजिक व्यवहार में गिरावट।
– स्क्रीन टाइम कम करें: दिन में स्क्रीन का उपयोग सीमित करें और हर घंटे एक ब्रेक लें।
– शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं: नियमित व्यायाम करें।
– सही पोश्चर अपनाएं: गलत स्थिति में बैठने से बचें।
– सोशल मीडिया का कम उपयोग करें: रील्स और अन्य मनोरंजन माध्यमों का सीमित उपयोग करें।
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