किस्सा कुर्सी का: ‘ताज’ के शहर आगरा में सत्ता के संघर्ष का जमीनी सच ?

कुछ ही दिनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. 11 फरवरी से 8 मार्च तक 7 चरणों में उत्तर प्रदेश में भी चुनाव होंगे. 11 मार्च को वोटों की गिनती होगी. चुनाव की तैयारियों में बीजेपी, बीएसपी, सपा और कांग्रेस पूरी तरह से जुट चुकी हैं.

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किस्सा कुर्सी का: ‘ताज’ के शहर आगरा में सत्ता के संघर्ष का जमीनी सच ?

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  • January 18, 2017 8:41 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : कुछ ही दिनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. 11 फरवरी से 8 मार्च तक 7 चरणों में उत्तर प्रदेश में भी चुनाव होंगे. 11 मार्च को वोटों की गिनती होगी. चुनाव की तैयारियों में बीजेपी, बीएसपी, सपा और कांग्रेस पूरी तरह से जुट चुकी हैं. 
 
 
जनता की तकलीफें, जनता के मुद्दे और उनकी समस्याएं. इन पर नेता वादे तो खूब करते हैं, लेकिन अमल बहुत कम होता है, मतलब दस में से सिर्फ एक या दो फीसदी. चुनाव आता है, तो वही मुद्दे हवा में तैरने लगते हैं. 
 
 
उत्तर प्रदेश में प्यार का शहर, ताज का शहर आगरा बहुत ही महत्वपूर्ण है. आगरा में 9 विधानसभा सीट हैं, जहां पर अलग-अलग जातिगत आंकड़े हैं. इन सीटों पर 6 में बीएसपी कायम है तो वहीं 2 पर बीजेपी और 1 पर सपा.
 
आगरा में इस बार मुख्य चुनावी मुद्दे ये हैं-
पीने के लिए साफ पानी नहीं मिला
सड़कों की अच्छी कनेक्टिविटी नहीं
जाम की वजह से लोग फंसे रहते हैं
हाईकोर्ट की खंडपीठ की मांग लंबे समय से
लंबे समय से इंटरनेशनल एयरपोर्ट की मांग
 
 
इन मुद्दों को ही ध्यान में रखकर आगरा की जनता इस बार सत्ता सौंपने का फैसला करेगी. इंडिया न्यूज़ के खास कार्यक्रम किस्सा कुर्सी का में देखिए आगरा में चुनाव को लेकर क्या सोचते हैं लोग. 
 
वीडियो में देखें पूरा शो.

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