आखिर क्या है नोएडा में सत्ता के संघर्ष का जमीनी सच ?

कुछ ही दिनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. उत्तर प्रदेश में भी 11 फरवरी से 8 मार्च तक 7 चरणों में चुनाव होंगे. 11 मार्च को वोटों की गिनती होगी. चुनाव की तैयारियों में बीजेपी, बीएसपी, सपा और कांग्रेस पूरी तरह से जुट चुकी हैं.

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आखिर क्या है नोएडा में सत्ता के संघर्ष का जमीनी सच ?

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  • January 13, 2017 9:00 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नोएडा : कुछ ही दिनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. 11 फरवरी से 8 मार्च तक 7 चरणों में उत्तर प्रदेश में भी चुनाव होंगे. 11 मार्च को वोटों की गिनती होगी. चुनाव की तैयारियों में बीजेपी, बीएसपी, सपा और कांग्रेस पूरी तरह से जुट चुकी हैं. 
 
जनता की तकलीफें, जनता के मुद्दे और उनकी समस्याएं. इन पर नेता वादे तो खूब करते हैं, लेकिन अमल बहुत कम होता है, मतलब दस में से सिर्फ एक या दो फीसदी. चुनाव आता है, तो वही मुद्दे हवा में तैरने लगते हैं. 
 
 
उत्तर प्रदेश का बेहद ही खास हिस्सा नोएडा, जहां तीन सीटों में से फिलहाल 1 पर बीजेपी और 2 पर बीएसपी कायम है, लेकिन इस बार चुनाव में जनता किसे चुनेगी यह बड़ा सवाल है. 
 
नोएडा में इस बार मुख्य चुनावी मुद्दे ये हैं-
पुलिस का लचर रवैया
महिलाओं की सुरक्षा बड़ी चिंता
साफ-सफाई न होने से निराशा
शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं
खराब कानून-व्यवस्था से लोग परेशान
युवाओं के पास रोजगार नहीं
 
 
इन मुद्दों को ही ध्यान में रखकर नोएडा की जनता इस बार सत्ता सौंपने का फैसला करेगी. इंडिया न्यूज़ के खास कार्यक्रम किस्सा कुर्सी का में देखिए नोएडा में चुनाव को लेकर क्या सोचते हैं लोग. 
 
वीडियो में देखें पूरा शो.

 

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