नई दिल्ली: यूपी में
विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में कुर्सी का किस्सा दिलचस्प मोड़ पर है.
अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी में
मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव का तख्तापलट किया, जिसे मुलायम असंवैधानिक बता रहे हैं. फिलहाल समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम हैं या अखिलेश, ये दुविधा दूर करने के लिए अब सबकी निगाहें चुनाव आयोग पर हैं.
अखिलेश यादव गुट का दावा है कि एक जनवरी को लखनऊ में पार्टी का आपात राष्ट्रीय अधिवेशन पूरी तरह संवैधानिक था और राष्ट्रीय अधिवेशन के फैसले के हिसाब से अब
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से अखिलेश ने
शिवपाल यादव की जगह नरेश उत्तम को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है और पार्टी के मुख्यालय पर अखिलेश गुट का कब्ज़ा भी हो चुका है.
पार्टी में तख्ता पलट को असंवैधानिक बताने के बाद मुलायम ने 5 जनवरी को राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का एलान किया था, लेकिन बाद में प्लान बदल गया. मुलायम सिंह और शिवपाल यादव आज सुबह लखनऊ से दिल्ली आए. मुलायमवादी अमर सिंह ने भी लंदन दौरा बीच में छोड़ कर दिल्ली की उड़ान भरी.
मुलायम के आवास पर मीटिंग के बाद ये तय हुआ कि चुनाव आयोग को हालात से वाकिफ कराया जाए. उधर अखिलेश खेमे से
रामगोपाल यादव भी दिल्ली में डेरा डाल चुके हैं. अखिलेश खेमा भी
चुनाव आयोग में पूरी दमदारी से अपना पक्ष रखने के लिए कमर कस चुका है.
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