नई दिल्ली। भारत में काम कर रहे सिर्फ 14 प्रतिशत कर्मचारी ही खुश हैं। गैलप की 2024 ग्लोबल वर्कप्लेस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महज 14% कर्मचारी खुद को खुशहाल मानते हैं। बाकी 86% कर्मचारी या तो संघर्ष कर रहे हैं या फिर वो दुखी है। वहीं दुनियाभर के औसत से तुलना करने पर 34% […]
नई दिल्ली। भारत में काम कर रहे सिर्फ 14 प्रतिशत कर्मचारी ही खुश हैं। गैलप की 2024 ग्लोबल वर्कप्लेस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महज 14% कर्मचारी खुद को खुशहाल मानते हैं। बाकी 86% कर्मचारी या तो संघर्ष कर रहे हैं या फिर वो दुखी है। वहीं दुनियाभर के औसत से तुलना करने पर 34% कर्मचारी यहां के खुद को खुशहाल मानते हैं।
बता दें कि गैलप एक अमेरिकी कंपनी है। मानसिक स्वास्थ्य और भलाई का विश्लेषण करके इसने रिपोर्ट तैयार किया है। इसमें कर्मचारियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है: खुशहाल, परेशान और दुखी।
खुशहाल कर्मचारी वो हैं जो अपने भविष्य के बारे में सकारात्मक सोच रखते हैं। उन्हें ये लगता है कि आने वाले दिनों में उनकी जिंदगी और बेहतर होगी। उन्होंने अपने जीवन को 7 या उससे ज्यादा अंक दिया। दूसरे में परेशान कर्मचारी आते हैं अपने जीवन में खुश नहीं है। हर दिन तनाव में रहते हैं और उन्हें पैसों की चिंता रहती है। तीसरे नंबर पर दुखी कर्मचारी हैं जो अपने जीवन से बेहद निराश हैं। वो अपने हालात को 4 या उससे नीचे का अंक देते हैं।
भारत में सिर्फ 14% कर्मचारी ही खुशहाल हैं। दक्षिण एशियाई देशों में सबसे अधिक भारत के 35% कर्मचारी रोज गुस्सा महसूस करते हैं। भारत में 32% कर्मचारी रोज तनाव महसूस करते हैं हालांकि यह श्रीलंका (62%) और अफगानिस्तान(58%) जैसे देशों की तुलना में काफी कम है.