क्या आप खाना चाहेंगे टिड्डे और झींगुर, सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने मंजूरी देकर बताया इन्हें सुरक्षित Would you like to eat grasshoppers and crickets? Singapore Food Agency has approved them and declared them safe
नई दिल्ली: आपने अक्सर देखा होगा कि कई देशों में लोग कुछ न कुछ अजीबो-गरीब चीजें खाते रहते हैं। ऐसे देशों में किड़े जैसे कि टिड्डे और झींगुर आदि को लोग बड़े ही चाव से खाते हैं। इन सभी चीजों को खाने वाले लोग रोजाना इनको अपने खानपान का हिस्सा बनाते हैं। परंतु शायद भारत में कुछ लोग इनको खाने के बारे सोच कर हैरान हो जाते हैं। क्योंकि भारत और कई अन्य देशों में ऐसी चीजों को खाने के बजाय लोग साधारण खानपान अपनाते हैं। क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि ये चीजें सेहत के लिए ठीक नहीं हैं। परंतु जो लोग इन चाजों को खातें हैं उनके लिए सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने हरी झंडी दिखा दी है। जी हां, टिड्डे, झींगुर जैसे 16 कीड़ों को खाना सिंगापुर के खाद्य नियामक सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने सुरक्षित बताया है।
जानकारी के अनुसार सिंगापुर के साथ-साथ कई ऐसे देश हैं जहां कीड़ों को खाने में शामिल किया जाता है। इनमें झींगुर, टिड्डा और पतंगा प्रजाति आदि जैसे कीड़े शामिल हैं। हाल ही में एक खबर सामने आई है कि जहां सिंगापुर के खाद्य नियामक सिंगापुर खाद्य एजेंसी (एसएफए) ने कीटों की 16 प्रजातियां को इंसानी खानपान के लिए मंजूरी दे दी है। यानी कि ये सब कीड़े अब इंसानी खानपान के लिए सुरक्षित हैं। जानकारी के मुताबिक इस तरह के खानपान से जुड़े लोग और कारोबारी इस फरमान का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक संप्रभु द्वीप देश और नगर-राज्य सिंगापुर में ये कीड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी और भारतीय व्यंजनों सहित वैश्विक खाद्य पदार्थों के खानपान से संबंधित मेन्यू में शामिल हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक इस मामले में कीड़ों की 16 प्रजातियों को खानपान में शामिल करने की मंजूरी देने के बारे में एसएफए ने अक्तूबर 2022 में सार्वजनिक तौर पर सलाह-मशवरा किया था। इस मामले में एसएफए ने कीड़ों की 16 प्रजातियों को लेकर कहा था कि वह अप्रैल 2023 की दूसरी छमाही इसके हरी झंडी देगा। परंतु इस विषय पर चर्चा को एसएफए ने 2024 तक बढ़ा दिया। इस साल सिंगापुर के खाद्य नियामक सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने इन 16 प्रजातियों को खानपान में शामिल करने की मंजूरी दे दी। जानकारी के अनुसार इस प्रजातियों में रेशम के कीड़े, मिल वॉर्म्स, टिड्डे, झींगुर और पतंगे शामिल हैं। परंतु एसएफए के अनुसार कारोबारियों को इनका इस्तेमाल करने के लिए एसएफए के जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।
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