नई दिल्ली : दुनिया में कई ऐसी चीज़ें हैं जो इंसानी समझ से काफी परे हैं. इसी तरह भूत प्रेत की दुनिया भी वैज्ञानिक कहें या इंसानी समझ के लिए भी एक रहस्य बनकर रह गई है. आज इसी तरह की एक श्रापित गुड़िया की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं. इस गुड़िया को […]
नई दिल्ली : दुनिया में कई ऐसी चीज़ें हैं जो इंसानी समझ से काफी परे हैं. इसी तरह भूत प्रेत की दुनिया भी वैज्ञानिक कहें या इंसानी समझ के लिए भी एक रहस्य बनकर रह गई है. आज इसी तरह की एक श्रापित गुड़िया की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं. इस गुड़िया को आज तक जिसने भी अपने पास रखा वह बुरी तरह से बर्बाद हो गया.
फ्लोरिडा में रहने वाले बच्चे रॉबर्ट यूजीन ओटो को साल 1906 में यह गुड़िया उसके घर में काम करने वाले एक नौकर ने दी थी. कहा जाता है कि वो नौकर काला जादू किया करता था और उसे रॉबर्ट यूजीन का परिवार बिल्कुल पसंद नहीं था. आपसी रंजिश के चलते उसने एक गुड़िया पर काला जादू कर उसे परिवार को दे दिया. रॉबर्ट इस गुड़िया को पाकर खुश हुआ और इससे खेलने लगा. वह इसकी किसी बच्चे की ही तरह देखभाल किया करता.
लेकिन गुड़िया के लिए बच्चे का पागलपन बढ़ने लगा जहां वह इसे असल इंसान ही मानने लगा. कुछ समय में उसने देखा कि घर से धीरे-धीरे चीज़ें गायब हो रही हैं और उसका कमरा उथल-पुथल हालत में हमेशा मिलता था. उसका कहना था कि ये सब वो गुड़िया ही करती है लेकिन परिवार इसपर यकीन नहीं करता था. एक दिन रॉबर्ट ने देखा कि गुड़िया उसके साथ ना सोकर सामने खड़ी उसे घूर रही है. ये सब देख कर उसके पसीने छूट गए और कमरे में अजीब घटनाएं होने लगीं. ये सब देख कर रॉबर्ट ने चिल्लाना शुरू किया तभी उसके माता-पिता कमरे में आ गए और उसी समय उनके घर में कोई चोर भी घुस गया.
जहां चोर ने भी ये सब महसूस किया. इतना सब होने के बाद रॉबर्ट का प्यार अपनी गुड़िया के लिए और भी बढ़ गया. वह उससे बातें करने लगा. उसके कई पड़ोसियों का कहना था कि रॉबर्ट जब गुड़िया से बात करता था तो गुड़िया भी उससे बात किया करती थी. इतना ही नहीं कई बार उस गुड़िया को घर के अंदर घुमते हुए भी देखा गया. कई दिनों तक उसके कमरे से अजीब आवाज़े आतीं. रोबर्ट हमेशा इन सब बातों के लिए गुड़िया को ही जिम्मेदार ठहराता.
कुछ समय बाद तो रॉबर्ट के पड़ोसियों के साथ भी इसी तरह की घटनाएं होने लगीं. धीरे-धीरे पूरा शहर इस बारे में जान गया और ये बात फ़ैल गई. ये सब देखते हुए रॉबर्ट के माता-पिता ने उसकी ये गुड़िया बॉक्स में बंद करके एक कोने में रख दी. जिसके बाद ये सिलसिला थोड़ा थमा. कुछ समय बाद रॉबर्ट न्यूयोर्क अपनी पढ़ाई के लिए गया.
जब रॉबर्ट विदेश से आया तो उसने शादी की और अपना घर शिफ्ट करने लगा. इस दौरान एक बार फिर वो गुड़िया रॉबर्ट के जीवन से जुड़ गई. वह एक बार फिर उस गुड़िया को बच्चों की तरह पालने लगा. रॉबर्ट की पत्नी ने रॉबर्ट सालों तक बच्चों की तरह पाला. रॉबर्ट अपनी गुड़िया से बात किया करता था. इसके बाद भूतिया हरकतें और भी बढ़ गईं. जहां उसके रिश्तेदार भी उसके घर से किसी के चिल्लाने की आवाज़ आने की शिकायत करने लगे. साल 1974 में रॉबर्ट की मृत्यु हो गई जिसके बाद ये गुड़िया एक और परिवार के पास गई. इस गुड़िया को देखने वाली बच्ची के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. बच्ची के अनुसार गुड़िया ज़िंदा है जो उस बच्ची को जान से भी मारने की कोशिश करती है.
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