नई दिल्ली : ज्यादातर लाल सेब के पेड़ों पर 4-5 सालों में फल आने लगता है। लेकिन काले सेब (Black Apple) के पेड़ पर फल आने में 8 साल या उससे ज्यादा समय लग जाता है। बताया जाता है कि ये सेब बहुत मीठे होते है लेकिन लाल सेब की तरह ये सेब सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता है।
जब लाल सेब का रंग काला पड़ने लगता है तो बताया जाता कि वो सेब खराब हो गया और उसे फेंक देते है। लेकिन दुनिया में ऐसी जगह भी है
जहां पर काले सेब (Black Apple) की खेती की जाती है. एक काले सेब की कीमत 500 रूपये होती है. इतना महंगा होने की वजह से ही इसे ब्लैक डायमंड कहा जाता है। इस सेब की खेती तिब्बत के पहाड़ियों में की जाती है।
तिब्बत की स्थानीय भाषा में इस सेब को नियू नाम से जाना जाता है. तिब्बत ऊंची पहाड़ियों पर स्थित है। ऐसे में यहां सूरज की किरणें फलों और फसलों पर सीधे आती है।
सूर्य की रोशनी और अल्ट्रावॉयलेट रेज पड़ने की वजह से सेब काले (Black Apple) होने लगते है। इस सेब की चमक लोगों को अपनी ओर खींचती है. कभी-कभी इस सेब का रंग बैंगनी भी हो जाता है।
इस पेड़ पर फल आने में 8 साल या उससे ज्यादा समय लग जाता है. सामान्य सेबों के मुकाबले इसका उत्पादन भी बहुत कम होता है. तिब्बत में इसकी खेती 2015 में शुरू की थी.
8 सालों में उगने के बाद इन सेबों की लाइफ स्पैन सिर्फ दो महीनों की होती है. बताया जाता है कि ये सेब मीठे और कुरकुरे होते हैं, लेकिन स्वास्थ्य के लिए लाल सेबों की तरह बिलकुल फायदेमंद नहीं होते हैं.
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