पति की कमाई जानने के लिए महिला ने दायर किया RTI

नई दिल्ली : आप कितना कमाते हैं? निजी जीवन में इस सवाल को बहुत लोग अपने और अपने परिवार तक ही रखना पसंद करते हैं. हालांकि शादी टूटने पर या कहें वैवाहिक जीवन खत्म होने पर ये बात कुछ बदल जाती है जहां कई बार तलाक जैसे विवादों में ये पेंच फंस जाता है. ऐसा […]

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पति की कमाई जानने के लिए महिला ने दायर किया RTI

Riya Kumari

  • October 3, 2022 3:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : आप कितना कमाते हैं? निजी जीवन में इस सवाल को बहुत लोग अपने और अपने परिवार तक ही रखना पसंद करते हैं. हालांकि शादी टूटने पर या कहें वैवाहिक जीवन खत्म होने पर ये बात कुछ बदल जाती है जहां कई बार तलाक जैसे विवादों में ये पेंच फंस जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि तलाक के लिए अर्ज़ी डालना ना सिर्फ आपके निजी जीवन बल्कि आपके वित्त को भी प्रभावित करता है. आज का मामला भी इसी समस्या से जुड़ा हुआ है जहां एक महिला ने अपने पति की आय जानने के लिए राइट टू इनफार्मेशन यानी RTI की अर्ज़ी ही दायर कर दी. आइए बताते हैं क्या है ये पूरा मामला.

RTI को बनाया हथियार

तलाक के समय पति और पत्नी की संपत्ति को दोनों के बीच बांटा जाता है. कुछ मामलों में, पत्नी को अपने पति की आय का विवरण मांगने का भी अधिकार होता है. इतना ही नहीं वह अलग होने के बाद अपने या कस्टडी में आए बच्चों के भरण-पोषण की भी मांग कर सकती है. ऐसे में अगर पुरुष अपनी आय का विवरण देने से इनकार करता है, तो भी पत्नी कई अन्य तरीकों से इसे हासिल कर सकती है. ऐसा ही एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है जिसमें पत्नी ने पति की आय का विवरण जानने के लिए आरटीआई (सूचना का अधिकार) दायर की है.

ये है पूरा मामला

ख़बरों की मानें तो हाल ही में केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने आयकर विभाग को निर्देश दिया है कि वह एक महिला को उसके पति की शुद्ध कर योग्य आय / सकल आय का विवरण दे. आदेश में इस जानकारी को महिला तक महज 15 दिनों के भीतर उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया है. महिला ने इस मामले में RTI दायर की थी. जानकारी के अनुसार शुरुआत में बरेली के आयकर विभाग के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) ने आरटीआई के तहत विवरण देने के लिए इनकार कर दिया था क्योंकि पति ने इसकी इज़ाज़त नहीं दी थी.

क्या कहता है कानून?

इसके बाद मदद के लिए महिला प्रथम अपीलीय प्राधिकरण (एफएए) के पास गई. एफएए ने सीपीआईओ के आदेश को बरकरार रखा है. जिसके बाद महिला द्वारा सीआईसी के पास दूसरी अपील दायर की गई है. दरअसल, न्यायालय और उच्च न्यायालयों ने 19 सितंबर, 2022 को आदेश दिया था कि सीपीआईओ की किसी महिला को उसके पति की शुद्ध कर योग्य आय/सकल आय का विवरण उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी बनती है और पत्नी को ये अधिकार है.

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