नई दिल्ली: कई ऐसी बीमारियां हैं जो लाइलाज हैं. इनमें से कुछ बीमारियां अनुवांशिकी गुणों के कारण बढ़ती हैं तो कुछ अपने आप हो जाती हैं. आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो अजीब बीमारी की शिकार हो गई. इस महिला के गर्दन पर हाथी की तरह सूंढ़ […]
नई दिल्ली: कई ऐसी बीमारियां हैं जो लाइलाज हैं. इनमें से कुछ बीमारियां अनुवांशिकी गुणों के कारण बढ़ती हैं तो कुछ अपने आप हो जाती हैं. आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो अजीब बीमारी की शिकार हो गई. इस महिला के गर्दन पर हाथी की तरह सूंढ़ निकल आया. जर्मनी की रहने वाली इस महिला का नाम एलेक्जेंड्रा है. उन्होंने बताया कि उसकी गर्दन पर सूंढ़ जैसा निकला ये एक्स्ट्रा चरबी बहुत भारी है. गलती से भी कोई छू देता था तो काफी दर्द होता था।
रिपोर्ट के अनुसार एलेक्जेंड्रा की गर्दन पर ये एक छोटी सी गांठ के रुप में नजर आता था, लेकिन बाद में ये बढ़ता ही गया. फिर 15 साल की उम्र में ये काफी बड़ा हो गया, जिसकी लंबाई गर्दन से जांघ तक पहुंच गई. ऐसे में एलेक्जेंड्रा को कहीं जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी. इसकी वजन से सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी. इस बीमारी को एनएफ-1 न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस नाम से दिया गया है जो लाइलाज है।
एलेक्जेंड्रा ने कहा कि इसकी वजन एक बैकपैक की तरह है, जिसे अपने कंधों पर ले जाना मुश्किल होता है, लेकिन इसके साथ जीना मजबूरी सी बन गई थी. आपके बता दें कि लगभग तीन हजार लोगों में से सिर्फ एक शख्स ही इस बीमारी के साथ पैदा होता है. न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस से असामान्य रूप से हृदय की समस्याएं, बड़ा सिर, छोटा कद जैसे समस्याएं हो जाती हैं।
एलेक्जेंड्रा ने लकवा के डर से ट्यूमर नहीं हटवाती थी. इस ट्यूमर को हटाने से डॉक्टर्स भी डरते थे, लेकिन एलेक्जेंड्रा ने लॉस एंजिल्स स्थित सिर और गर्दन के सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट ओसबोर्न हेड और नेक इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. रयान ओसबोर्न के पास गया और उन्होंने इसे निकालने का आश्वासन दिया. डॉक्टरों ने 6 घंटे सर्जरी की. उन्हें यह डर था कि इस ऑपरेशन में काफी खून बह सकता है, जिसके चलते उनकी टीम ने ट्यूमर को ऑपरेटिंग टेबल के ऊपर लटका दिया और एक टूर्निकेट लगाया ताकि रक्त निकलना बंद हो जाए. 6 घंटे की सर्जरी के बाद पूरे ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया. अब एलेक्जेंड्रा के शरीर पर सिर्फ निशान रह गया है।
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