नई दिल्ली: हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व माना जाता है. यह त्योहार मां दुर्गा को समर्पित है. शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है. यह त्योहार 9 दिनों तक चलता है. इस त्योहार के 9 दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों को समर्पित […]
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व माना जाता है. यह त्योहार मां दुर्गा को समर्पित है. शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है. यह त्योहार 9 दिनों तक चलता है. इस त्योहार के 9 दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों को समर्पित होते हैं, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है.
इन नौ दिनों में भक्त व्रत रखते हैं, मंदिरों में जाते हैं और मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. दुर्गा अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन किया जाता है, इसके साथ ही नवरात्रि उत्सव का समापन हो जाता है और अगले दिन दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है. मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान किए गए काम बेहद शुभ होते हैं, इसलिए इस दौरान लोग गृह प्रवेश, नया वाहन खरीदना, भूमि पूजन, मुंडन आदि नवरात्रि में करना पसंद करते हैं. लेकिन नवरात्रि में कुछ खास काम नहीं करने चाहिए, इन्हीं वर्जित कामों में से एक है विवाह करना भी.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा धरती पर निवास करने आती हैं और भक्तों के सभी कष्टों को दूर करती हैं। इसी कारण से मां दुर्गा की विशेष कृपा पाने के लिए हर घर में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है और नवरात्रि के 9 दिनों तक रोजाना उनकी पूजा की जाती है। माना जाता है कि इन पावन दिनों में मां दुर्गा हर घर में निवास करती हैं, इसलिए शास्त्रों में इन दिनों में तन और मन दोनों से पवित्र रहने का नियम बनाया गया है। नवरात्रि की पूजा के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत जरूरी माना जाता है, इसी कारण से नवरात्रि के दौरान विवाह करना वर्जित माना जाता है।
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