नई दिल्ली: शादी का मौसम देवउठनी एकादशी के बाद शुरू हो गया है, परंतु आजकल के कुछ युवा शादी से दूरी बनाए रखते हैं और शादी का नाम सुनते ही भागने लगते हैं। सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी की छात्राओं द्वारा किए गए सर्वे में इस बात पता चला है कि फ्रीडम, करियर और भरोसे की कमी जैसी […]
नई दिल्ली: शादी का मौसम देवउठनी एकादशी के बाद शुरू हो गया है, परंतु आजकल के कुछ युवा शादी से दूरी बनाए रखते हैं और शादी का नाम सुनते ही भागने लगते हैं। सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी की छात्राओं द्वारा किए गए सर्वे में इस बात पता चला है कि फ्रीडम, करियर और भरोसे की कमी जैसी वजहों से युवाओं में शादी का डर यानी “गमोफोबिया” बढ़ रहा है। माता-पिता जब भी युवाओं से शादी की बात करते हैं, तो वे इसे टाल देते हैं और कहते हैं कि-मुझे शादी नहीं करनी। शादी का डर होना और शादी न करना दो अलग-अलग बातें हैं।
विशेष कारणों के चलते कुछ लोग शादी से परहेज़ करते हैं, परंतु ऊंची उम्मीदें और झूठे बहाने अक्सर “गमोफोबिया” यानी शादी का डर पैदा कर देती हैं। सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी की दो छात्राएं, राठौड़ नैंसी और दमाडिया पूजा ने शादी के प्रति इस डर पर एक सर्वे किया जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। नैंसी और पूजा ने 1242 लोगों पर एक सर्वे किया। इस सर्वे में 90.10% लोगों ने कहा कि आज के समय में ज्यादातर युवाओं में देर से शादी करने और शादी न करने का विचार होता है। 67.80% लोगों का ऐसा मानना है कि आज के युवा शादी की ज़िम्मेदारी लेना नहीं चाहते, वहीं 63.60% का कहना है कि शादी युवाओं के लिए शादी करना मतलब उनके लक्ष्यों में बाधा डालना है। जबकि 70.20% का मानना है कि शादी से उनकी आज़ादी प्रभावित होती है।
68.20% लोगों मानना है कि अपने करियर में आज के युवा इतने व्यस्त हैं कि सामाजिक रीति-रिवाज जैसे शादी को नकार देते हैं। इसके अलावा 74.40% लोगों का कहना है कि युवा दूसरों के बुरे अनुभवों की वजह से भी शादी से दूरी बनाते हैं। वहीं 75.60% ने कहा कि मनचाहा साथी न मिलने की वजह से भी शादी से बचते हैं। 74.40% का लोगों का मनना है कि युवा आर्थिक समस्याओं के कारण भी शादी नहीं करते हैं। 73.60% ने इस बारे में कहा कि पूर्वाग्रह भी शादी न करने का एक बड़ा कारण हो सकता है। 75.60% लोगों का मानना है कि माता-पिता की असफल शादी का भी युवाओं पर असर पड़ता है।
70.70% लोगों का मानना है कि आज के समय में युवा दूसरों पर विश्वास नहीं कर पाते, इसी कारण वह किसी से भी शादी नहीं करते। 65.40% ने कहा कि पश्चिमी देशों की नकल करने के चक्कर में भी कई युवा शादी से दूरी बनाते हैं। 76.40% लोगों का मानना है कि शादी का डर बढ़ता जा रहा है। 84.70% का कहना है कि अधिक स्वतंत्रता की चाह शादी के निर्णय को प्रभावित करती है। इस विषय पर जब लोगों से राय ली गई, तो कई मत सामने आए। आज के युवा पहचान, नाम और करियर के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं और शादी को टालते रहते हैं।
आज कल धीरे-धीरे “लिव-इन रिलेशनशिप” का चलन भी बढ़ता जा रहा है। कई लोग बच्चों की जिम्मेदारी के विचार से भी घबरा जाते हैं। खुद के बीते बुरे अनुभव और परिवार या रिश्तेदारों के कड़वे अनुभव भी लोगों को शादी से दूर कर देते हैं। आजकल के युवाओं के बीच शादी न करने की कई सारी वजह हो सकती हैं जैसे कि- करियर की प्राथमिकता, जिम्मेदारियों का डर, रिश्तों में कड़वाहट, मनचाहा साथी न मिलना, किसी भरोसेमंद साथी का न होना और तलाक के बाद शादी का डर होना। ये सभी वजहें आज के युवाओं को शादी से दूर करती हैं।
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