September 19, 2024
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सुहागरात पर फूलों से क्यों सजाते हैं बिस्तर और कमरा, 99% लोगों को नहीं पता असल वजह!

  • WRITTEN BY: Amisha Singh
  • LAST UPDATED : February 15, 2023, 9:53 pm IST

नई दिल्ली: हमारे हिंदू धर्म में शादी के बंधन को बहुत ही ज़्यादा पवित्र मानते हैं। आप सभी ने फिल्मों और असल ज़िंदगी में देखा होगा कि सुहागरात के दिन दूल्हा-दुल्हन के कमरे को फूलों से सजाया जाता है। इसके अलावा कमरे में महक के लिए भी कई तरह के इत्र व खुशबू का इस्तेमाल किया जाता है। लोग अपनी पसंद के हिसाब से सजावट के लिए फूलों चुनते हैं। ज्यादातर लोग दूल्हा-दुल्हन के कमरे को सजाने की इस रस्म को निभाते हैं, लेकिन इस बारे में बहुत कम लोगों को पता है कि सुहागरात पर दूल्हा-दुल्हन के कमरे को फूलों से क्यों सजाया जाता है। इसके पीछे की वजह आज हम आपको बताएंगे।

 

इसलिए सुहागरात में कमरे को सजाया जाता है

हिंदू धर्म को मानने वालों का कहना है कि शादी के बाद सुहागरात के कमरे को कई कारणों से सजाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर नवविवाहिता का कमरा फूलों से सजाया जाए तो उनका जीवन हमेशा फूलों की तरह महकता रहता है और नए जीवन की शुरुआत भी इन सुगंधित फूलों की तरह खूबसूरत होती है।

 

ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पहले दिन कमरे का माहौल रोमांटिक रहे। कई लोग कमरे में दूध और फूल भी रखते हैं। लोगों का मानना ​​है कि इसके पीछे कपल्स के जीवन में एक मिठास होती है। इसके अलावा वैज्ञानिक तौर पर भी कहा जाता है कि फूल और उनकी खुशबू कामेच्छा बढ़ाने में मदद करती है इसलिए कमरे को भी फूलों से सजाना ज़रूरी हो जाता है।

 

इन फूलों से सुहागरात के कमरे को सजाएँ

आपको बता दें, सुहागरात के कमरे को हनीमून के फूलों से सजाने के लिए गुलाब के फूलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा लैवेंडर और इसके फूलों की खुशबू का इस्तेमाल किया जाता है। कमरे के लुक को रोमांटिक बनाने के लिए आप मोमबत्तियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आप अलग-अलग सुगंधित फूलों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

गठबंधन की वजह भी जानें

हिंदू धर्म में किए जाने वाले रस्म व रिवाजो का एक विशेष अर्थ होता है। शास्त्रों के जानकारों का कहना है कि अगर विवाह की इन रिवाजो को सही तरीके से नहीं किया जाए तो वर-वधू के पारिवारिक जीवन में कई तरह की बाधाएं आती हैं। पति-पत्नी के बीच बंधे बंधन को पवित्र बंधन माना जाता है। दुल्हे के पटके और दुल्हन की चुनरी के बीच में रखा जाता है। इस गांठ को विवाह के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

 

रिश्ते से है गहरा संबंध

ज्योतिष जानकारों का कहना है कि यह गांठ कपल के तन और मन को एक करने का प्रतीक मानी जाती है। कहा जाता है कि यह गांठ जितनी मजबूत होती है पति-पत्नी का रिश्ता उतना ही मजबूत और प्यार भरा होता है। इस गांठ को बांधने का काम दूल्हे की बहन करती है। यह गांठ न सिर्फ पति-पत्नी के बीच के रिश्ते के बारे में बताती है बल्कि दो परिवारों के बंधन का भी संकेत देती है।

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए इनख़बर किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.)

 

 

 

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