नई दिल्ली : आपने अपने जीवन में कई विमान देखे होंगे. लेकिन क्या अपने कभी काला, नीला पीला या हरा विमान देखा है. बचपन से लेकर आज तक आपने जब भी आसमान में किसी विमान को उड़ते देखा होगा तो वह आपको सफ़ेद ही दिखाई दिया होगा. अब चाहे वो विमान किसी भी कंपनी का […]
नई दिल्ली : आपने अपने जीवन में कई विमान देखे होंगे. लेकिन क्या अपने कभी काला, नीला पीला या हरा विमान देखा है. बचपन से लेकर आज तक आपने जब भी आसमान में किसी विमान को उड़ते देखा होगा तो वह आपको सफ़ेद ही दिखाई दिया होगा. अब चाहे वो विमान किसी भी कंपनी का क्यों ना हो वह सफ़ेद ही होता है. लेकिन आखिर इसके पीछे का क्या कारण है?आइए जानते हैं वो चार कारण जिसकी वजह से बादलों के बीच उड़ने वाले हवाई जहाज का रंग सफ़ेद होता है.
दरअसल, प्लने चाहे एयरपोर्ट पर रुका हुआ हो या फिर आसमान में उड़ रहा हो, अधिकतर यह सूरज की रौशनी में रहता है. ऐसे में सूरज की इंफ्रारेड किरणों से इसके अंदर गर्मी पैदा हो सकती है. इसी गर्मी से बचने के लिए प्लेन को हमेशा सफ़ेद रंगत दी जाती है.
जहाज आसमान में उड़ने से लेकर रन-वे पर लैंड करने तक अलग-अलग वातावरण में रहता है. इस वजह से उसका रंग फीका हो सकता है. लेकिन यदि रंग सफेद हो तो इस बात की अधिक चिंता नहीं करनी पड़ती. सफेद रंग फीका नहीं पड़ता है इस वजह से प्लेन को मेंटेन करना आसान हो जाता है.
इसके अलावा उड़ान से पहले सभी विमानों की चेकिंग और टेस्टिंग के समय प्लेन का सफेद रंग इसपर आए किसी भी डेंट या क्रैक को आसानी से दिखाने में मदद करता है. यदि ये रंगों और पैटर्न में हुआ तो डेंट या क्रैक देखने में दिक्कत हो सकती है.
इसके अलावा प्लेन का सफ़ेद रंग बर्ड स्ट्राइक से भी बचाता है. बता दें, इसका मतलब है प्लेन से पक्षियों के टकराने की घटना. दरअसल, नीले और काले रंग के आसमान सफ़ेद रंग पक्षियों के लिए देखने में आसान होता है.
दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!
India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार