NCRB के आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश में हर घंटे 3 महिलाओं के साथ रेप होता है, यानी हर 20 मिनट पर 1 महिला बलात्कार का शिकार बनती हैं। ऐसे मामलों में लगभग 96 फीसदी ऐसे लोग होते हैं, जो महिला के करीबी रिश्तेदार होते हैं।
नई दिल्ली। भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है, जो तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन इसके बाद भी यहां महिलाओं की स्थिति नहीं सुधर रही। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB के आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश में हर घंटे 3 महिलाओं के साथ रेप होता है, यानी हर 20 मिनट पर 1 महिला बलात्कार का शिकार बनती हैं। ऐसे मामलों में लगभग 96 फीसदी ऐसे लोग होते हैं, जो महिला के करीबी रिश्तेदार होते हैं। हमारे मन में अक्सर ऐसे सवाल आ सकते हैं कि किसने सबसे पहले रेप की शुरुआत की होगी।
रामायण-महाभारत जैसे महान ग्रंथों में कई लड़ाइयों का जिक्र है लेकिन किसी विजेता के बारे में नहीं लिखा हुआ है कि उन्होंने हारे हुए राजाओं की रानियों- राजकुमारियों के साथ बलात्कार किया होगा। राम ने जब लंका पर विजय हासिल की तो उनकी सेना ने स्त्रियों को उचित सम्मान दिया। पांडवों ने महाभारत युद्ध के बाद कौरवों की विधवाओं को हाथ लगाना दूर पलट कर नहीं देखा। फिर ऐसा क्या हुआ कि आज के भारत में बलात्कार आम हो गया हुआ है।
220-175 ईसापूर्व में यूनानी शासक डेमेट्रियस प्रथम ने भारत पर हमला किया था। उन्होंने पंजाब से लेकर सिंध तक राज्य किया लेकिन उनके शासन काल में बलात्कार का मामला सामने नहीं आया। 326-327 ई .पू में सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया। हजारों सैनिक मारे गए। युद्ध जीतने के बाद भी सिकंदर ने राजा पुरु को उनका राज्य वापस दे दिया लेकिन किसी महिला के साथ बलात्कार या धर्म परिवर्तन की घटना सामने नहीं आई। कुषाणों- शकों और हूणों के शासनकाल में भी किसी भारतीय स्त्रियों के साथ बलात्कार की घटना का उल्लेख नहीं है।
सबसे पहले भारत में मुहम्मद बिन कासिम के शासनकाल में बलात्कार का जिक्र मिलता है। 711 ईस्वी में सिंध पर आक्रमण करके राजा दाहिर की दोनों बेटियों को यौन दासी बनाकर खलीफा को भेजा था। इतिहासकरों की माने तो उस समय पहली बार भारत की स्त्रियों को दुष्कर्म का सामना करना पड़ा। हारे हुए राजा की बेटियों और सामान्य भारतीय महिलाओं के साथ इस्लामी सेना ने बलात्कार किया।
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