नई दिल्ली : बचपन में आपने भी सुना होगा की पार्ले जी , G माने जीनियस. ये लाइन तो हम सभी की जुबान पर रट गई थी. आपको जानकार हैरानी होगी कि पार्ले जी में कभी जी का मलतब जीनियस था ही नहीं. जी हां! तो फिर इसका असल मतलब क्या है? आइए आपको बताते हैं पार्ले जी के नाम और इसके पीछे की कहानी.
पार्ले जी के साथ हर इंसान के बचपन का एक किस्सा जुड़ा हुआ है. लेकिन ये बिस्किट खुद में ही कई कहानियों को लिए हुए हैं. ऐसी ही एक कहानी है इसके नाम को लेकर. पार्ले जी के जी को लेकर. दरअसल पार्ले जी में दिखाई देने वाले G का असल मतलब जीनियस नहीं होता है. दरअसल पार्ले जी के G का मतलब ग्लूकोज़ है. इस नाम के पीछे की कहानी जानते हैं. इस बिस्किट की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान साल 1929 में हुई थी. भारतीय और ब्रिटिश दोनों ही सैनिकों का यह बेहद पसंद था.
इस बिस्किट को उसकी असल लोकप्रियता मिली नब्बे के दशक में. जब चाय के साथ पार्ले जी को खाने का चलन चल पड़ा. उसी समय पार्ले जी के एड सामने आए. इसकी पॉपुलैरिटी के बाद लोग इसके नाम का असल मतलब भी खोजने लगे. पैकेट पर छपी लड़की की तस्वीर पर भी कई कहानियां बनने लगी. पारले नाम मुंबई के विले-पार्ले इलाके से लिया गया था. लेकिन सवाल ये था कि आखिर ‘G’का क्या मतलब है?
भारतीय कंपनी ने अपने नाम में अंग्रेजी का शब्द आखिर क्यों रखा? दरअसल 1938 में पारले-ग्लूको (Parle-Gloco) नाम से बिस्किट का उत्पादन शुरू किया गया था.उस समय यह एक ग्लूकोज़ बिस्किट (Gluco Biscuit) हुआ करता था. आजादी के बाद ग्लूको बिस्किट का उत्पादन बंद करना पड़ा क्योंकि देश में अन्न का संकट था. दोबारा जब स्थिति बहाल हुई तो कई कंपनियां कॉम्पिटीशन में आ गईं. खासकर ब्रिटानिया, जिसने ग्लूकोज-डी (Glucose-D) बिस्किट को पेश किया. ग्लूको बिस्किट को दोबारा पेश कर कंपनी ने बस नाम ही बदला था. इसी से प्रेरित होकर पारले ग्लूको बिस्किट का नाम शॉर्ट कर पारले-जी किया गया. ‘G’ का मतलब ‘Genius’ केवल प्रमोट करने के लिए था जबकि इसका असल मतलब तो ‘ग्लूकोज’ (Glucose) से ही था.
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