नई दिल्ली: आमतौर पर हम देखते हैं कि जब कोई व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास जाता है, तो पुलिस उसकी शिकायत के आधार पर उस शख्स की मदद करती है। लेकिन रूस के मॅास्को में इसका उल्टा हुआ। मॅास्को में जब एक व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर पुलिस स्टेशन गया तो पुलिस ने उस […]
नई दिल्ली: आमतौर पर हम देखते हैं कि जब कोई व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास जाता है, तो पुलिस उसकी शिकायत के आधार पर उस शख्स की मदद करती है। लेकिन रूस के मॅास्को में इसका उल्टा हुआ। मॅास्को में जब एक व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर पुलिस स्टेशन गया तो पुलिस ने उस पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया।
जब वह व्यक्ति 27 अप्रैल की रात को अपने दफ्तर से लौट रहा था तो एक बस स्टॉप पर कुछ लोगों ने उसपर हमला कर दिया। जिसमें उसके दांत भी टूट गए। इसके अलावा उसका फोन भी चोरी हो गया। इस मामले को लेकर जब वह अगले दिन टावर्सकोय जिले में आंतरिक मामलों के मंत्रालय में शिकायत करने गया तो पुलिस अधिकारी उसकी शिकायत से ज्यादा उसके बालों में दिलचस्पी दिखा रहे थे।
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पीले नीले और हरे कलर में रंगे उसके बालों के चलते पुलिस ने इसे यूक्रेन का चिह्न बताया और इसे रूसी सेना के खिलाफ अपराध करार दिया। पुलिस ने उसके इस ‘अपराध’ के लिए उस पर एक रिपोर्ट भी तैयार की और उसकी उंगलियों के निशान लिए। रूसी अदालतें युद्ध-विरोधी माने जाने वाले किसी भी वक्तव्य या काम को सेना को बदनाम करने वाला अपराध मानती हैं। जिसके लिए उस व्यक्ति पर 50,000 रूबल ($543) तक का जुर्माना और बार-बार अपराध करने पर पांच साल तक की जेल भी हो सकती है।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी है जंग
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच तकरीबन 25 महीने से युद्ध चल रहा है। जिसमें हजारों लोगों की जान भी जा चुकी है। इसके साथ ही आए दिन दोनों तरफ से गोलीबारी देखने को मिलती है। ऐसा ही एक ताजा मामला दक्षिणी बंदरगाह शहर ओडेसा से सामने आया है। जहां ‘हैरी पॉटर कैसल’ के नाम से प्रसिद्ध यूक्रेनी इमारत पर एक रूसी मिसाइल के हमले में कम से कम पांच लोगों की जान चली गई।
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