Munak Canal: दिल्ली में कुदरत का कहर जारी है। भीषण गर्मी के कारण पानी का संकट खड़ा हो गया है, जिससे मुनक नहर एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। बवाना में टैंकर माफिया की सक्रियता की शिकायतें मिल रही हैं। मुनक नहर को दिल्ली की जल रेखा माना जाता है। मीडिया के खुफिया […]
Munak Canal: दिल्ली में कुदरत का कहर जारी है। भीषण गर्मी के कारण पानी का संकट खड़ा हो गया है, जिससे मुनक नहर एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। बवाना में टैंकर माफिया की सक्रियता की शिकायतें मिल रही हैं। मुनक नहर को दिल्ली की जल रेखा माना जाता है। मीडिया के खुफिया कैमरे ने टैंकर माफिया के पूरे काले कारोबार का खुलासा किया है। दिल्ली सरकार ने भी माना है कि मुनक नहर से आने वाला पानी 200 क्यूसेक कम हो गया है।
दिल्ली के लिए जीवनरेखा मानी जाने वाली मुनक नहर सालों से पानी चोरी और जल संकट से जूझ रही है। राजधानी की जलापूर्ति का बड़ा हिस्सा हरियाणा से आता है और मुनक नहर के जरिये रोजाना 750 क्यूसेक पानी दिल्ली भेजा जाता है। यह पानी हैदरपुर, बवाना, नांगलोई और द्वारका जल उपचार संयंत्रों को आपूर्ति किया जाता है।
हर दूसरे तीसरे दिन नहर में शव तैरते हुए नजर आते हैं। रात के समय 35 फीट गहरी नहर में कई गाड़िया फंस जाती हैं क्योंकि शाम होते ही यहां बिल्कुल अंधेरा छा जाता है। नहर किनारे कई अपराधी अपराध करने के बाद अपने हथियार वही छिपा देते हैं।
मुनक नहर से पानी की चोरी और कमी के कारण दिल्ली में जल संकट गहरा गया है। दिल्ली और हरियाणा सरकार की सियासत में भी मुनक नहर एक बार फिर केंद्र में है। उपराज्यपाल के निर्देश पर नहर के आसपास गश्त शुरू कर दी गई है, लेकिन यह नहर टैंकर माफिया के निशाने पर रही है।
मुनक नहर के आसपास ग़ैरक़ानूनी,बोरवेल खोदे गए हैं और लाखों लीटर पानी की काला बाजारी की जा रही है। इससे नहर का जलस्तर बहुत ज्यादा गिर रहा है। इंडस्ट्रियल एरिया में पानी का कारोबार हो रहा है, जिससे नहर का जलस्तर तेजी से घट रहा है।
अब दिल्ली पुलिस तीन शिफ्ट में नज़र रख रही है । देश की राजधानी दिल्ली में पानी की आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा हरियाणा से आता है। 102 किमी लंबी नहर से दिल्ली को प्रतिदिन 750 क्यूसेक पानी मिलता है। अगर हैदरपुर-1, हैदरपुर-2, बवाना, नांगलोई और द्वारका जल शोधन संयंत्रों को पानी की आपूर्ति की जा रही है, तो समझ लें कि पानी मुनक नहर से ही आ रहा है।
इस प्रकार, मुनक नहर दिल्ली के पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन टैंकर माफिया और अवैध बोरवेल इसे गंभीर संकट में डाल रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई और सरकारी प्रयासों से उम्मीद है कि यह समस्या जल्द ही सुलझ जाएगी।
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