लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के मौजेपुर गांव से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां कुत्ते की मौत के बाद उसके मालिक ने धूमधाम से ब्रह्मभोज किया. इस भोज में गांव में रहने वाले सभी लोगों को आमंत्रित किया गया था, इसके अलावा आसपास के कुत्तों के लिए गाड़ी से भोजन भेजकर कुत्तों […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के मौजेपुर गांव से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां कुत्ते की मौत के बाद उसके मालिक ने धूमधाम से ब्रह्मभोज किया. इस भोज में गांव में रहने वाले सभी लोगों को आमंत्रित किया गया था, इसके अलावा आसपास के कुत्तों के लिए गाड़ी से भोजन भेजकर कुत्तों को भोजन कराया।
रिपोर्ट के मुताबिक मैनपुरी के भोगांव कोतवाली क्षेत्र के मौजेपुर गांव के रहने वाले ब्रजभूषण उर्फ जुग्गी लाल यादव के घर 18 साल पहले एक पिल्ला शेरू जख्मी हालत में आया था. जुग्गी लाल यादव ने उसे इलाज कराया और वह पूरी तरह से ठीक हो गया. इसके बाद शेरू उसके साथ ही रहने लगा. जुग्गी लाल को शेरू के प्रति धीरे-धीरे स्नेह बढ़ता गया और उन्होंने उसे देखभाल करने लगा।
जुग्गी लाल यादव ने बताया कि वह हर वक्त उनके साथ ही रहता था और उनके पालतू जानवरों को देखरेख करता था. इस दौरान घर के सदस्यों को उसने किसी तरह की कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. आपको बता दें कि शेरू को छह माह पहले दिखना बंद हो गया. जुग्गी लाल ने उसकी देखभाल की लेकिन इस बीच 18 मार्च को शेरू की मौत हो गई. कुत्ते की मौत के बाद जुग्गी लाल ने ब्रह्मभोज करने का फैसला लिया और 1 अप्रैल को भोज किया गया।
जुग्गी लाल ने बताया कि 18 साल पहले जख्मी हालत में एक कुत्ते का पिल्ला उनके घर आ गया था. मैंने उसका इलाज कराया और वह पूरी तरह से ठीक हो गया. इसके बाद वह कहीं नहीं गया. शेरू के प्रति धीरे-धीरे मेरा भी स्नेह बढ़ते गया और मैंने उसे देखभाल करने लगा. जुग्गी लाल का बेटा शोभाराम ने बताया कि हमारा सबसे प्रिय जानवर शेरू था और उसने अंतिम समय में भी मेरे घर को नहीं छोड़ा. इसलिए उनकी याद में ब्रह्मभोज कर रहे हैं।
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