मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ते हुए शायद आपने कम देखा होगा. हालांकि, सैंकड़ों साल पुरानी रिवायत को यूपी के अमरोहा जिले में महिलाओं ने जिंदा रखा है. यहां जनाना मस्जिद में रोजाना शिया समुदाय की महिलाएं नमाज अदा करतीं है.
नई दिल्ली: अक्सर आपने अजान की आवाज सुनने के बाद मुस्लिम भाइयों को नमाज पढ़ने के लिए जाते देखा होगा. लेकिन आपने मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ते हुए शायद ही कभी देखा होगा. हालांकि, सैंकड़ों साल पुरानी रिवायत को उत्तर प्रदेश के अमरोहा में मुस्लिम महिलाओं ने जिंदा रखा है. दरअसल, मुस्लिम महिलाओं का मस्जिद में नमाज पढ़ने की रिवायत आज भी अमरोहा में जारी है जहां कि शफातपोता मोहल्ले में जनाना मस्जिद में रोजाना शिया समुदाय की महिलाएं नमाज अदा करतीं है.
गौरतलब है कि ईरान, अफ्रीका और इराक सहित खाड़ी देशें में महिलाएं मस्जिद में नमाज पढ़ती हैं हालांकि, भारत में यह मान्यता नहीं है. इस मामले में जानकारों की माने तो इस्लाम के हदीस में भी मस्जिद में महिलाओं के नमाज पढ़ने का जिक्र किया गया है और यह एक रिवायत भी है. शहर के शफातपोता मोहल्ले में जनाना मस्जिद इस रिवायत अमरोहा में महिलाएं आगे बढ़ा रही हैं. यहां रोजाना बिना रोक-टोक के महिलाएं नमाज अदा करती हैं और बिना जमात के पांच वक्त की नमाज अदा करती हैं.
बता दें कि अमरोहा की इस मस्जिद का इतिहास काफी पुराना है. मस्जिद की देखरेख कर रहे सैयद मोहम्मद सिब्तेन की माने तो मस्जिद का इतिहास तकरीबन 132 साल पुराना है. यह मस्जिद साल 1885 में बनवाई गई थी. पहले मस्जिद में सिर्फ 3-4 महिलाएं ही नमाज अदा कर सकती थीं जिसके बाद इस दायरे को बढ़ा दिया गया. इस मस्जिद की तामीर गुलाम मेंहदी नामक शख्स ने करावाई थी. कहा जाता है कि गुलाम मेंहदी ने अपनी तीन बेटियों के लिए यह मस्जिद बनवाई थी.
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